उत्तर प्रदेश की हमीरपुर विधानसभा सदर सीट पर हो रहे उपचुनाव का आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोगों ने बहिष्कार किया है. ग्रामीण बाढ़ राहत न पहुंचने से प्रशासन से नाराज हैं. जबकि कुछ गांवों को लोगों में क्षेत्र में विकास न होने का गुस्सा है. जबकि कुछ ग्रामीणों ने खराब सड़क को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया है. हमीरपुर उपचुनाव के लिए सुबह सात बजे से मतदान जारी है. सुबह 11 बजे तक यहां पर 14 प्रतिशत तक मतदान हो गया है. शुरुआत में बारिश और ईवीएम की खराबी ने रफ्तार थामने की कोशिश की, लेकिन बाद में मतदाता बूथों पर पहुंच रहे हैं.
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सोमवार सुबह पांच बजे से हो रही बारिश ने मतदाता की राह में रोड़े अटकाने का काम किया था. काफी देर तक बूथों पर सन्नाटा नजर आया. इसके अलावा यहां बाढ़ के कारण भी मतदान प्रभावित हो रहा है. वहीं शुरुआती दौर में 14 बूथों पर ईवीएम में खराबी के चलते उन्हें बदला गया. इसके अलावा बूथों पर छह कंट्रोल यूनिट, 8 वीवीपैट भी बदले गए. इसके चलते इन केंद्रों में मतदान देरी से शुरू हो सका. बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में हालांकि मतदान को लेकर परेशानियां बनी हैं, लेकिन प्रशासन ने मतदाताओं को बूथों तक लाने के लिए नाव के इंतजाम किए हैं. बारिश थमने के बाद मतदान की गति बढ़ने की उम्मीद है.
बाढ़ की चपेट में आए बूथ में पानी उतरने से दलदल सी स्थिति में वोटर जाने से कतराते नजर आए. बूथों पर कुछ अंतराल में एक दो मतदाता पहुंच रहे हैं. चार गांवों में ग्रामीणों ने विकास कार्यों की मांग करते हुए मतदान का बहिष्कार कर दिया तो अफसर उन्हें मनाने में जुटे हैं.
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बता दें कि हमीरपुर सदर सीट बीजेपी विधायक अशोक कुमार सिंह चंदेल को हत्या के मामले में आजीवन कारावास के बाद उपचुनाव हो रहा है. उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द होने से रिक्त हुई सीट के इस उपचुनाव में कुल नौ प्रत्याशी मैदान में हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से युवराज सिंह, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से नौशाद अली, समाजवादी पार्टी (सपा) से डॉ. मनोज प्रजापति, कांग्रेस से हरदीपक निषाद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) से जमाल आलम मंसूरी प्रमुख हैं. चार निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं.
Source : डालचंद