उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले फरार शिक्षक को पुलिस ने दो साल बाद गिरफ्तार कर लिया है. मई 2018 में राज्य सरकार द्वारा इस प्रकरण की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल ने 110 शिक्षकों के साथ इसे भी फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाला करार दिया था. एसपी (ग्रामीण) श्रीश चंद्र ने बताया, "दो साल पहले जनपद में एसआईटी ने जूनियर हाईस्कूल की विज्ञान/गणित शिक्षक भर्ती में फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर 110 फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति का भंडाफोड़ किया था.
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इस प्रकरण में रैकेट से जुड़े विभागीय अधिकारी, लिपिक और शिक्षकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. जिसमें फर्जी नियुक्तिपत्र के आधार पर नियुक्ति पाने वाले 110 फर्जी शिक्षक भी शामिल थे. इसी में शामिल थाना नौहझील क्षेत्र अंतर्गत नियुक्ति पाने वाले फर्जी शिक्षक सोवरन सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है."
उन्होंने बताया, ‘‘बुधवार को संदिग्ध व्यक्ति और वाहन जांच के दौरान प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मय पुलिस टीम के साथ कोविड-19 को लेकर जारी दिशानिर्देशों का पालन कराने के लिए नौहझील में भ्रमण पर थे. इसी दौरान सूचना मिली कि दो साल से वांछित कहीं जाने की फिराक में है.
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बाजना तिराहे पर पहुंचकर पुलिस ने सोवरन को पकड़ लिया.’’ चंद्र ने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसके खिलाफ फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करके शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक पद पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय चिंडौली थाना नौहझील में नियुक्ति पाने के संबंध में एफआईआर पंजीकृत है.
(PTI Input)
Source : News Nation Bureau