मायावती ने शनिवार को बहुप्रतीक्षित प्रेस कांफ्रेंस को पहले संबोधित करते हुए लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी. सपा से गठबंधन को पवित्र बताते हुए कहा, मायावती ने कहा, सपा और बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए और दो सीटें अमेठी और रायबरेली कांग्रेस के लिए छोड़ी गई है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोलते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को मोदी-शाह की जोड़ी की नींद उड़ाने वाली प्रेस कांफ्रेंस करार दिया. प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने कहा, देशहित में वह लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड को पीछे छोड़ रही हैं और समाजवादी पार्टी से एक बार फिर रिश्ता जोड़ने जा रही हैं.
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उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी से 1993 में कांशीराम जी और मुलायम सिंह यादव जी के नेतत्व में गठबंधन हुआ था. हवा का रुख बदलते हुए बीजेपी जैसे घोर जातिवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए हुआ था. उन्होंने कहा, बीजेपी की घोर जातिवादी, संकीर्ण मानसिकता के कारण दोनों नेताओं ने गठबंधन करने का फैसला लिया है, जो बीजेपी को सत्ता में आने से रोकेगा. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस की तो जमानत तक जब्त हो चुकी है. उन्होंने कहा, गठबंधन से देश को बहुत उम्मीद है.
Akhilesh Yadav: To defeat the arrogance of BJP, it was necessary for BSP and SP to come together. BJP can go to any extent to create differences in our workers, we must be united and counter any such tactic #SPBSPAlliance pic.twitter.com/dBrMOMmI4i
— ANI (@ANI) January 12, 2019
मायावती बोलीं- हमारा गठबंधन राजनीतिक क्रांति लाने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गलत नीतियों से जनता परेशान है. नोटबंदी और जीएसटी से लोगों की कमर टूट है. बीजेपी एंड कंपनी को हर हाल में रोकेंगे. वहीं कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा, उसके लंबे शासनकाल में गरीब और मजदूर परेशान रहे. कांग्रेस शासन में देश में गरीबी बढ़ी. उपचुनाव में बीजेपी को जिस तरह हराया गया, उसी तरह लोकसभा चुनाव में भी हराएंगे. कांग्रेस और बीजेपी की नीतियां एक जैसी हैं.
मायावती ने कहा, बोफोर्स में कांग्रेस गई थी, राफेल में बीजेपी जाएगी. कांग्रेस ने घोषित इमरजेंसी की और बीजेपी ने अघोषित. 1977 के चुनाव की तरह इस बार भी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है. उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी से चुनावी गठबंधन करने से खास लाभ नहीं मिलेगा. कांग्रेस से गठबंधन करने से वोट ट्रांसफर नहीं होता. सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है. कांग्रेस को तो हमारी पार्टी से पूरा लाभ मिल जाता है पर हमारी पार्टी को लाभ नहीं मिलता, यह कड़वा अनुभव 1996 के चुनावों में कांग्रेस से गठबंधन करके देखा है. समाजवादी पार्टी का भी कांग्रेस के साथ गठबंधन का अच्छा अनुभव नहीं रहा है.
मायावती ने कहा, हमारी पार्टी अब पूरे देश में कांग्रेस से कहीं भी गठबंधन करते हुए चुनाव नहीं लड़ेगी. हाल के उपचुनाव में सपा और बसपा के वोट एक दूसरे को ट्रांसफर हुए थे. उसी आधार पर अब लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन करने जा रहे हैं. बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, ईवीएम ठीक से चला तो बीजेपी हार जाएगी. बीजेपी सीबीआई का गलत उपयोग करती है और सीबीआई का गलत इस्तेमाल करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को खनन घोटाले में घसीटने की कोशिश की.
Source : अनिल यादव