राजस्थान के अलवर में बहुचर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में एक बार फिर सियासत गरमा गई है. इस मामले में 6 आरोपियों को बरी किए जाने पर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कोर्ट के इस फैसले को अतिदुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. साथ ही मायावती ने इसे राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर घोर लापरवाही और निष्क्रियता बताया है.
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बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, 'राजस्थान कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही व निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान माब लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपी वहां की निचली अदालत से बरी हो गए, यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहां की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं.'
राजस्थान कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही व निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान माब लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपी वहाँ की निचली अदालत से बरी हो गए, यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहाँ की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) August 16, 2019
इससे पहले बुधवार को अलवर सत्र न्यायालय ने पहलू खान को पीट-पीटकर मार दिए जाने के मामले में करीब दो साल बाद अपना फैसला सुनाया और सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया था. अदालत ने इन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. अलवर के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश नंबर-1, डॉ. सरिता स्वामी की अदालत में फैसला सुनाया गया था. मामले की सुनवाई 7 अगस्त को समाप्त हुई. मामले में 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें तीन नाबालिग शामिल हैं, जो पहले से जमानत पर है.
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बता दें कि 1 अप्रैल 2017 को राजस्थान के अलवर में पहलू खान को कथित गौरक्षकों द्वारा पीट-पीटकर मार डाला था.पहलू खान (55) हरियाणा के नूंह के रहना वाला था. पिकअप वैन से राजस्थान से हरियाणा मवेशी ले जाने के दौरान भीड़ ने गौतस्करी के संदेह में उसको पकड़कर बेरहमी से पीट दिया था. जिसकी वजह से उसकी अस्पताल में 3 अप्रैल 2017 को मौत हो गई थी.
इस घटना को कैमरे में रिकॉर्ड किया गया था. इसमें दिखाई दे रहा है कि पहलू खान को आक्रामक भीड़ पीट रही है. अदालत वीडियो साक्ष्य से स्पष्ट रूप से संतुष्ट नहीं थी. साल 2017 में राजस्थान पुलिस ने पहलू खान द्वारा मौत से पहले बयान में बताए गए छह लोगों को क्लीन चिट दे दी थी. पीड़ित के परिवार ने 44 गवाह प्रस्तुत किए थे. पहलू खान के वकील कासिम खान ने कहा कि मामले की ठीक तरह से जांच नहीं की गई और पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते आरोप पत्र पेश किया. उन्होंने कहा, कि हम फैसले का अध्ययन करेंगे और अपनी रणनीति की योजना बनाएंगे.
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