भारत-चीन सीमा विवाद (India china Border Dispute) को लेकर देशभर में आक्रोश है. सभी लोग केंद्र सरकार से जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हालांकि पीएम मोदी (PM Modi) का स्टेटमेंट ने सबको चौंका दिया है. इसी मामले पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सैनिकों की शहादत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में 15 जून को लद्दाख में चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में कर्नल सहित 20 सैनिकों की मौत से पूरा देश काफी दुःखी, चिन्तित व आक्रोशित है. इसके निदान हेतु सरकार और विपक्ष दोनों को पूरी परिपक्वता और एकजुटता के साथ काम करना है, जो देश-दुनिया को दिखे व प्रभावी सिद्ध हो. ऐसे कठिन व चुनौती भरे समय में भारत सरकार की अगली कार्रवाई के संबंध में लोगों और विशेषज्ञों की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन मूल रूप से यह सरकार पर छोड़ देना बेहतर है कि वह देशहित व सीमा की रक्षा हर हाल में करे. जो कि हर सरकार का दायित्व भी है.
1. अभी हाल ही में 15 जून को लद्दाख में चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में कर्नल सहित 20 सैनिकों की मौत से पूरा देश काफी दुःखी, चिन्तित व आक्रोशित है। इसके निदान हेतु सरकार व विपक्ष दोनों को पूरी परिपक्वता व एकजुटता के साथ काम करना है जो देश-दुनिया को दिखे व प्रभावी सिद्ध हो। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) June 22, 2020
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15 जून को जो खूनी भिड़ंत के बात एक बार फिर दोनों देशों की सेनाओं की बीच बातचीत
बता दें कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में 15 जून को जो खूनी भिड़ंत के बात एक बार फिर दोनों देशों की सेनाओं की बीच बातचीत की जा रही है. चीनी सेना के अनुरोध के बाद भारतीय सेना इस बातचीत में शामिल हो रही है. बैठक में चीन को पुराने समझौते की याद दिलाकर उस पर अमल करने को कहा जा सकता है. भारत का रुख अब पहले से काफी सख्त है. 20 सैनिकों की शहादत के बाद भारत की ओर से सीमा विवाद को लेकर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी.
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भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिदंर सिंह और चीन की तरफ से मेजर जनरल लियु लिन शामिल हो रहे हैं
जानकारी के मुताबिक चीन की तरफ मोल्डो में हो रही इस बातचीत में भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिदंर सिंह और चीन की तरफ से मेजर जनरल लियु लिन शामिल हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि बातचीत से पहले दोनों देश की सेनाओं के हजार से अधिक सैनिक तैनात खड़े हैं. दोनों देशों की सेनाओं की बाच काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है. गलवान घाटी के PP 14 क्षेत्र में अब दोनों देशों की सेनाएं अपने आप को मजबूत करने में लगी हैं. चीनी सेना यानी PLA एलएसी पर आर्टिलरी और टैंक के साथ मौजूद है, तो वहीं भारत की सेना भी पूरी तरह से तैयार है और तैनाती मजबूत कर दी है. सूत्रों की मानें, तो चीन की ओर से हलचल को बढ़ता हुआ देख भारतीय सेना भी अपनी तैयारी कर रही है और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.