बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को आरएसएस और भाजपा समेत योगी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने ट्वीट करते हुए भाजपा और उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि खुली जगह पर नमाज तो योगी सरकार सहन नहीं कर पा रही, भागवत को राष्ट्रपिता कहने से क्या बदलेगा. उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा बीते गुरुवार को दिल्ली में स्थित मस्जिद मरदसे में जाकर उलेमाओं से मिलना और फिर उनसे अपने आपको राष्ट्रपिता व राष्ट्र ऋषि कहलवाने के बाद क्या भाजपा व उनकी सरकारों का मुस्लिम समाज व उनके मस्जिद मदरसों के प्रति नाकरात्मक रुख या बर्ताव में बदलाव आएगा.
मायावती ने इसी के साथ एक और ट्वीट किया, उन्होंने लिखा, यूपी सरकार खुली जगह में कुछ मिनट की अकेले में नमाज़ पढ़ने की मजबूरी को भी सहन नहीं कर पा रही है तथा सरकारी मदरसों की उपेक्षा करते हुए निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप पर उतारू है. मगर आरएसएस प्रमुख की इस बारे में गहरी चुप्पी के क्या मायने निकाले जा रहे हैं. इस पर भी वे जरूर गौर करें.
गौरतलब है कि गुरुवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने राष्ट्रपिता और राष्ट्रऋषि से संबोधित किया था. भागवत गुरुवार को मध्य दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मांर्ग पर मौजूद एक मस्जिद का दौरा करने पहुंचे थे. इलियासी ने बताया कि भागवत उनके न्योते पर मदरसे का दौरा करने लिए यहां पहुंचे थे.
संघ के प्रमुख नेता व भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री रामलाल के अनुसार, ये मुलाकात दोनों समुदायों के बीच मतभेद को कम करने का काम करने वाली है. इस मुलाकात की रूपरेखा मुस्लिम बुद्धिजीवियों की ओर तैयार की गई थी. इस तरह की पहल तब हुई थी, जब भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा विवादित टिप्पणी से स्थिति खराब हो गई थी.
HIGHLIGHTS
- आरएसएस और भाजपा समेत योगी सरकार पर हमला बोला
- आरएसएस प्रमुख दिल्ली में स्थित मस्जिद मरदसे में जाकर उलेमाओं से मिले थे