दिल्ली और उसके आसपास के आए प्रवासी मजदूरों (Migrant Worker) को गाजियाबाद में दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर रोकने के बाद स्थिति बिगड़ती जा रही है. कोरोना काल के दौर में सैकड़ों लोग दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर इकट्ठा हैं, जहां उन्हें उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इससे गुस्साए प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध अब जवाब देने लगा है. लिहाजा प्रवासी मजदूरों ने गाजीपुर में दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर जाम लगा दिया है.
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सरकारें प्रवासी मजदूरों को इनके घरों तक पहुंचाने में विफल साबित हो रही हैं. ऐसे में मजदूर पैदल ही अपने घरों को जाने को विवश हैं. लेकिन सड़कों पर इन मजदूरों के साथ हुए हादसों के बाद सरकार ने साफ कर दिया कि इन मजदूरों को इनके घरों तक पहुंचाने का जिम्मा प्रशासन का है. अब प्रशासन ने बॉर्डर पर ही इन्हें रोक लिया गया. इन लोगों का कहना है कि उनके पास अब ना तो पैसे हैं और ना ही प्रशासन इनकी कोई सुध ले रहा है. ऐसे में ये करें तो क्या करें. इन लोगों के साथ छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं भी हैं. मजदूरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इन लोगों को सही सलामत इनके घर पहुंचाया जाए.
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मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों से पैदल, दोपहिया वाहन तथा ट्रक जैसे अवैध एवं असुरक्षित वाहनों से न आने की अपील करते हुए कहा कि ऐसा पाये जाने पर अवैध वाहन को फौरन जब्त कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने शनिवार रात सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में कोई भी प्रवासी कामगार पैदल, मोटरसाइकिल अथवा ट्रक आदि अवैध और असुरक्षित वाहनों से न आने पाए. ऐसा पाये जाने पर अवैध वाहन को तत्काल जब्त कर कानूनी कार्यवाही की जाए. इसके बाद से ही राज्य की सीमाओं को बंद कर दिया गया है.
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