लॉकडाउन (Lockdown) के चलते देश के विभिन्न हिस्सों से पैदल अपने घरों को लौट रहे मजदूरों ने कई सड़क हादसों के बाद सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदी को लेकर दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर रविवार को जमकर हंगामा किया. शनिवार को औरैया में हुए भीषण सड़क हादसे के बाद सरकार ने श्रमिकों को जहां हैं, वहीं रोककर खाने-पानी की व्यवस्था के निर्देश दे दिए थे जिसके बाद दिल्ली से आ रहे मजदूरों को मथुरा और आगरा जनपद की सीमा पर फरह क्षेत्र में रोक दिया गया.
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रविवार की सुबह फरह में रोके गए मजदूरों को जब वहां खाने-पानी की कोई व्यवस्था नहीं मिली तो वे भड़क गए. उन्होंने सड़क पर कटे-फटे टायर एवं झाड़ियों में आग लगाकर रास्ता जाम कर दिया. मजदूरों का कहना है कि वे दो-तीन दिन से भूखे प्यासे हैं. उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है और अब पैदल भी नहीं चलने दिया जा रहा है. गंतव्य तक पहुंचने के लिए वाहन भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं. सरकार हमें जीते-जी मार देने पर उतारू है. क्षेत्राधिकारी (रिफाइनरी) वरुण कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में मजदूर राजमार्ग पर एकत्र हो गए और रास्ता जाम कर दिया. एकाएक रास्ता जाम होने से आवश्यक सेवाओं में जुटे वाहनों की कतार लगने लगी. स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग कर राजमार्ग खाली कराया गया.
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हंगामे के बाद आखिरकार पुलिस एवं प्रशासन ने ट्रक में बिठाकर मजदूरों को फिर से भेजना शुरू किया. वहीं, सहायक क्षेत्रीय परिवहन प्रबंधक विनोद कुमार शुक्ला ने बताया कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि राज्यों से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, बंगाल, उड़ीसा और मध्य प्रदेश को लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को उनके घर सकुशल पहुंचाने के लिए सात दिन में पचास सरकारी बसें लगाई गई हैं जिन्होंने बारी बारी से 14 हजार श्रमिकों को शनिवार से उनके घर पहुंचाने का काम शुरु कर दिया है. उन्होंने बताया कि ये बसें मथुरा के कोटवन बॉर्डर से प्रतिदिन दो हजार मजदूरों को अलग-अलग जनपदों में स्थित उनके गंतव्य तक पहुंचाएंगी. ये सभी बसें मथुरा (20), आगरा (10) और अलीगढ़ (20) डिपो से चलाई गई हैं.
Source : Bhasha