नौकरी, शादी और अच्छे इलाज का झांसा देकर धर्मपरिवर्तन करवाने वाले गिरोह का मोदीनगर पुलिस ने भंडाफोड़ कर दिया है. नंदग्राम के बाद मोदीनगर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने बताया कि दोनों गिरोह के धर्मांतरण करने का तरीका एक जैसा ही है. दोनों गिरोह कोई-न-कोई लालच देकर लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते थे. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी 100 से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं.
ऐसे हुआ खुलासा
मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की है. डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि 22 सितंबर को मोदीनगर के विजयनगर कॉलोनी की रहने वाली संगीता मोदीनगर थाने आई थी. उसने एक पार्थना पत्र सौंपा. उसने अपने जेठ के बेटे आशु, सास अशरफी और ससुर किशनपाल पर गंभीर आरोप लगाए. उसने बताया कि तीनों मिलकर मुझे ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डाल रहे हैं. मैं धर्मपरिवर्तन को मना करती हूं तो वे लोग मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं. डीसीपी तिवारी ने बताया कि महिला की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया.
पुलिस ने पूछताछ के लिए पकड़ा
डीसीपी तिवारी ने आगे बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर हमने आरोपियों की तलाश शुरू की. हमने महिला के जेठ के बेटे आशु को पूछताछ के लिए हिरासत में बुलाया. उसकी पैरवी करने के लिए पोलू मसीह अपने दो साथियों पास्टर रासी बलियार और छुद्र कुमार के साथ थाने पहुंचा.
दोनों केस की जांच अब एसआईटी के पास
अधिकारियों ने बताया कि नंदग्राम और मोदीनगर थाने के धर्मांतरण मामलों की जांच अब एसआईटी करेगी. दोनों मामलों में एसआईटी गठित की जा रही है. नंदग्राम पुलिस द्वारा जब्त किए फोन में धर्मांतरण के कई सुबूत मिले हैं. एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि नंदग्राम पुलिस ने तीन दिन पहले ही धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था. पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था.
विदेशी फंडिंग की जांंच कर रहे अधिकारी
पुलिस ने बताया कि मोदीनगर में पकड़ा गया वतिराण गिरोह द इंडिया पैटाकॉस्टाल चर्च और सर्व इंडिया मिनिस्ट्री नाम की संस्थाओं से संचालित हो रहा था. पोलूस मसीह संस्था के जरिए धर्मांतरण कराने की मुहीम में जुटा हुआ था. पुलिस का कहना है कि हमें शक है कि कहीं धर्मांतरण के लिए विदेश से तो फंडिंग नहीं हो रही है. जांच की जा रही है.