Bareilly News: उत्तर प्रदेश में मानसून की भारी बारिश से कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बरेली मंडल भी इस आपदा से अछूता नहीं है, जहां बाढ़ ने ग्रामीण इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है. हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई हैं और लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस विकट परिस्थिति में आवागमन भी बड़ी समस्या बन गया है. नवाबगंज तहसील क्षेत्र में एक मरीज को सही इलाज न मिलने के कारण 2 किलोमीटर तक चारपाई पर गहरे पानी में ले जाना पड़ा.
बरेली जिले में कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे गांवों में पानी भर गया है. ग्राम जारपा मोहनपुर के निवासी ब्रजेश पुत्र होरीलाल तीन महीने पहले मजदूरी के लिए आंध्र प्रदेश गए थे. वहां काम करते समय एक हादसे में खौलते पानी में गिरकर बुरी तरह झुलस गए. अस्पताल में इलाज के बाद घर लौटते समय खराब रास्तों के कारण एंबुलेंस चालक ने उन्हें नौगवा भगवंतपुर में छोड़ दिया.
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बाढ़ में फंसे मवेशी और बरेली के हालात
आपको बता दें कि जारपा मोहनपुर, जो बरेली जिले के बॉर्डर पर देवहा नदी के समीप स्थित है, विकास की दृष्टि से अत्यंत पिछड़ा हुआ गांव है. यहां आने-जाने के लिए कोई पक्का मार्ग नहीं है. गांव के लोग अब भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं, जिससे उनका जीवन कठिनाईयों से भरा हुआ है. इसी वजह से ग्रामवासियों ने 2024 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था. वर्तमान में, बाढ़ की वजह से कई मवेशी भी फंसे हुए हैं और उनकी स्थिति भी गंभीर बनी हुई है.
वहीं बरेली के कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने बताया कि पीलीभीत और शाहजहांपुर के निचले इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है. यहां एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं. नावों का भी इंतजाम किया गया है ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके. बरेली में भी बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है और निचले इलाकों में पानी भर गया है.
HIGHLIGHTS
- उत्तर प्रदेश में मानसून ने मचाई तबाही
- बरेली में बाढ़ से कई गांवों का संपर्क टूटा
- बाढ़ में फंसे मवेशी और बरेली के हालात
Source : News Nation Bureau