उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हाल ही में हुए एक हत्या के मामले ने पुलिस को हैरान कर दिया. बाजरे के खेत में 42 वर्षीय महिला अलका का शव मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, और अंततः एक सनसनीखेज खुलासा किया. इस हत्या के पीछे कोई और नहीं, बल्कि मृतिका की खुद की बेटी और एक सुपारी किलर था. इस मामले ने न केवल स्थानीय लोगों को स्तब्ध किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे व्यक्तिगत रिश्तों में जहर भर कर खतरनाक साजिशें रची जाती हैं.
मां ने दी अपनी बेटी की हत्या की सुपारी
मामला तब सामने आया जब अलका का शव 6 अक्टूबर को बाजरे के खेत में पड़ा मिला. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसकी पहचान अलका के रूप में की, जिसकी पुष्टि उसके पति रमाकांत ने की. रमाकांत के मुताबिक, अलका शनिवार को एटा में किसी मुकदमे की पैरवी के लिए गई थी, लेकिन देर रात तक घर नहीं लौटी. जब उसका फोन बंद मिला, तो परिवार ने उसकी खोजबीन शुरू की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली. अगले दिन पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला का शव खेत में पड़ा है, और जब रमाकांत ने शव देखा तो वह उसकी पत्नी अलका थी.
बेटी ने किलर को प्यार में फंसाया
इस घटना की जांच के दौरान पुलिस ने सर्विलांस और साक्ष्यों के आधार पर इस हत्या की गुत्थी सुलझाई. पुलिस के मुताबिक, अलका का अपने मायके के गांव के एक व्यक्ति, सुभाष, के साथ प्रेम प्रसंग था. सुभाष पहले भी दुष्कर्म के आरोप में जेल जा चुका था और हाल ही में रिहा हुआ था. दूसरी ओर, अलका की बेटी भी एक अन्य व्यक्ति के साथ रिश्ते में थी, जिससे परेशान होकर अलका ने अपनी बेटी की हत्या की योजना बनाई.
बेटी ने मां की करवा दी हत्या
अलका ने सुभाष के साथ मिलकर अपनी बेटी की हत्या करवाने के लिए 50,000 रुपये की सुपारी दी. योजना के तहत सुभाष ने पहले अलका की बेटी को अपने प्रेम जाल में फंसाया और उसे एक मोबाइल फोन भी दिया ताकि उनसे संपर्क में रह सके. अलका ने सुभाष से कहा कि वह कोर्ट की तारीख के दिन उसकी बेटी को मार डाले. लेकिन सुभाष को बेटी से प्यार हो गया और उसने उसे अलका की योजना के बारे में बता दिया.
बेटी ने सुभाष को प्रेम में फंसाया
इस जानकारी के बाद, अलका की बेटी ने सुभाष के प्रेम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और अपनी मां को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया. सुभाष ने पहले अलका को धोखा देने के लिए उसकी बेटी के नकली मौत के फोटो तैयार किए. फिर, जब अलका ने बेटी की हत्या के बदले पैसे नहीं दिए, तो सुभाष अलका को आगरा बुलाया और वहां से उसे एटा लाकर हत्या कर दी. अंततः, अलका का शव बाजरे के खेत में फेंक दिया गया.