एक विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद अन्नू टंडन को साल 2017 में राजनीतिक धरना प्रदर्शन के दौरान उन्नाव में ट्रेन रोकने के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई है. टंडन उस वक्त कांग्रेस से जुड़ी हुई थीं, लेकिन पिछले साल उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया. उनके अलावा अदालत ने उन्नाव के तत्कालीन कांग्रेस जिला प्रमुख सूर्य नारायण यादव, शहर अध्यक्ष अमित शुक्ला और युवा कांग्रेस के राज्य प्रमुख अंकित परिहार को भी दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई है. न्यायाधीश पी. के. राय ने इनमें से हर एक पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
सजा के बाद सभी दोषियों को अंतरिम जमानत दे दी गई. वे अब अपनी सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे. दोषी पाए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद सभी आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी गई. अब इनके द्वारा हाईकोर्ट में अपील की जाएगी. रेलवे सुरक्षा बल ने 12 जून, 2017 को इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
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इसमें यह आरोप लगाया गया था कि ट्रेन संख्या 18191 के प्लेटफॉर्म पर पहुंचने के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा उन्नाव स्टेशन के पास धरना प्रदर्शन किया जा रहा था. पटरी पर इनकी जमा भीड़ को देखते हुए चालक को मजबूरन ट्रेन रोकना पड़ा. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इंजन के ऊपर चढ़कर नारेबाजी करना शुरू कर दिया. इन्हें शांत करने में लगभग 15 मिनट लगे.
दोषी करार दिए गए आरोपी उस वक्त प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे. जांच के बाद, उप-निरीक्षक मिथलेश कुमार यादव ने आरोपी के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 174 (ए) के तहत आरोप पत्र दायर किया. अदालत ने 2 अगस्त, 2018 को अपराध का संज्ञान लिया और मुकदमा शुरू किया. जांच के बाद उप-निरीक्षक मिथलेश कुमार यादव ने आरोपियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 174 (ए) के तहत चार्जशीट दाखिल किया. अदालत ने 2 अगस्त, 2018 को अपराध का संज्ञान लेते हुए मुकदमा शुरू किया.
HIGHLIGHTS
- विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद अन्नू टंडन को सुनाई दो साल की सजा
- कोर्ट ने 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया
- धरना प्रदर्शन के दौरान ट्रेन रोकने का है दोष