दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 2005 के हत्या मामले में गैंगेस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी व अन्य की रिहाई को चुनौती देने वाले याचिका को स्वीकार कर लिया. न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करने के बाद अंसारी व दूसरे आरोपियों से मामले में जवाब मांगा है. कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय ने निचली अदालत द्वारा अंसारी व दूसरे आरोपियों को मामले में रिहा किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
अब इस मामले पर 28 नवंबर को सुनवाई होगी. न्यायाधीश अरुण भारद्वाज की अध्यक्षता वाली विशेष सीबीआई अदालत ने इस साल की शुरुआत में हत्या के आरोपी राय व छह अन्य को सभी गवाहों व दूसरे साक्ष्यों के प्रतिकूल होने के बाद रिहा कर दिया था.
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इसके बाद अदालत ने जांच एजेंसी को फटकार लगाते हुए कहा था, "यह मामला गवाहों के प्रतिकूल होने के कारण अभियोजन पक्ष के विफल होने का एक अन्य उदाहरण है. अगर इस मामले में गवाहों को सुनवाई के दौरान गवाह संरक्षण योजना 2018 का फायदा मिलता तो परिणाम भिन्न होता." कृष्णानंद राय की 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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