Mukhtar Ansari Ambulance Case : उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. एंबुलेंस केस में बाहुबली मुख्तार अंसारी को शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाराबंकी के विशेष सत्र न्यायाधीश कोर्ट में पेश किया गया. न्यायाधीश द्वारा कोर्ट में तलब करने की बात से मुख्तार अंसारी घबराया हुआ है. मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में कहा कि जैसे ही कोर्ट के बाहर निकलूंगा, सरकार मुझे मरवा देगी. सरकार चित्रकूट जैसी घटना को अंजाम देकर मेरी हत्या करवा देगी.
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दरअसल, मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. योगी सरकार मुख्तार के अपराधिक साम्राज्य को लगातार खंगालने में जुटी है. बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताया. उन्होंने कहा कि राजनीति के तहत मेरे ऊपर कई मुकदमे लिखवाए गए हैं. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के वकील को वकालतनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. मुख्तार अंसारी के वकील ने कहा कि मुख्तार के हस्ताक्षर के बाद कोर्ट में वकालतनामा पेश किया जाएगा.
आपको बता दें कि एक अन्य मामले में 2013 में रजिस्टर्ड एंबुलेंस यूपी 41 एटी 7171 के संबंध में भी उत्तर प्रदेश की पुलिस ने मुख्तार अंसारी से जून महीने में पूछताछ की थी. गौरतलब है कि एंबुलेंस मामले में बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ बाराबंकी कोतवाली में मुकदमा दर्ज है.
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्तार अंसारी पर उस एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि वह फर्जी दस्तावेज पर मऊ के श्याम संजीवनी अस्पताल की एंबुलेंस इस्तेमाल कर रहे थे. इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम ने मऊ जाकर एफआईआर में नामजद डॉ. अलका के बयान को दर्ज किया था. अपने बयान में डॉ. अलका ने पुलिस के समझ मुख्तार अंसारी के खिलाफ लिखित तौर पर शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने डॉ. अलका के बयान और लिखित तौर पर की गई शिकायत के आधार पर मुख्तार और उसके कुछ गुर्गों का नाम मुकदमे में दर्ज कर कानूनी प्रकिया को आगे बढ़ाया था.
कोर्ट ने पुराने मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ तय किए आरोप
गौरलतब है कि प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को सन् 1997 में दर्ज हुए एक मुकदमे में सुनवाई करते हुए बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप तय कर दिया है. दरअसल में 1 दिसंबर 1997 को वाराणसी के भेलूपुर थाने में महावीर प्रसाद रूंगटा ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई थी. महावीर प्रसाद ने बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाते हुए उन पर आरोप लगाते हुए कहा गया था कि मुख्तार अंसारी ने 5 नवंबर 1997 की शाम करीब 5 बजे फोन से परिवार सहित विस्फोट से उड़ा देने की धमकी दी थी.
गौरतलब है कि फोन पर मिली धमकी से पहले महावीर प्रसाद के भाई नंद किशोर रुंगटा का अपहरण हो गया था. अपहरण के बाद अपराधियों के द्वारा नंद किशोर रुंगटा के परिवार से सवा करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी.