उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के चेयरमैन बृजलाल ने 14 जून 2016 के बाद अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत पंजीकृत मामलों में पेंशन का प्रस्ताव जिलाधिकारी और समाज कल्याण अधिकारी को भेजने के निर्देश सभी जिलों के एसपी-एसएसपी को दिए हैं. उन्होंने इन सभी मामलों पर 31 जनवरी तक रिपोर्ट भी तलब की है.
आयोग ने जिलाधिकारियों से कहा है कि प्रस्तावों पर पेंशन व अन्य सुविधा स्वीकृत कर 28 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट आयोग को भेजें. डीजीपी, डीजी विशेष जांच, सभी मंडलायुक्त, जोनल एडीजी, रेंज आइजी व डीआइजी को इसके अनुपालन कराने की जिम्मेदारी आयोग ने दी है.
पेंशन योजना के प्रस्ताव के मुताबिक, एससी-एसटी से संबंध रखने वाले मृतक व्यक्ति, विधवा या अन्य आश्रितों को हर महीने 5 हजार रुपये की मूल पेंशन के साथ महंगाई भत्ता और मृतक के परिवार के सदस्यों को रोजगार और कृषि भूमि, घर उपलब्ध कराया जाएगा. यहां तक कि पीड़ित परिवार के बच्चों की स्नातक स्तर तक की शिक्षा का पूरा खर्चा और उनका भरण-पोषण भी किया जाएगा. आश्रित बच्चों को राज्य सरकार द्वारा पूर्णतः वित्त पोषित आश्रम, स्कूलों या आवासीय स्कूलों में दाखिल कराया जाएगा.
Source : News Nation Bureau