UP: अलविदा जुमे की नमाज से पहले उलेमा ने जारी की ये गाइडलाइन, प्रशासन ने ली राहत की सांस

आज रमजान का अलविदा जुमा है. इस बीच इस वर्ष उलेमा ने एक राय से अलविदा जुमे की नमाज को लेकर गाइडलाइन जारी की है. इसमें साफ-साफ लोगों से अपील की गई है कि अलविदा जुमे की नमाज के दौरान कुछ भी ऐसा न करें, जिससे दूसरे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़े.

author-image
Iftekhar Ahmed
एडिट
New Update
Alwida Juma Namaz

UP: अलविदा जुमे की नमाज से पहले उलेमा ने जारी की ये खास गाइडलाइन( Photo Credit : UP: अलविदा जुमे की नमाज से पहले उलेमा ने जारी की ये खास गाइडलाइन)

Advertisment

आज रमजान (Ramadan) का अलविदा जुमा (Al wida Juma) है. इस बीच इस वर्ष उलेमा ने एक राय से अलविदा जुमे की नमाज (Namaz Of Al wida Juma) को लेकर गाइडलाइन (Namaz Guidline) जारी की है. इसमें साफ-साफ लोगों से अपील की गई है कि अलविदा जुमे की नमाज के दौरान कुछ भी ऐसा न करें, जिससे दूसरे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़े. दरअसल, इसके अलावा मस्जिदों में लाउडस्पीकर (Laod speaker) की आवाज भी मानकों के अनुसार रखने की सलाह दी गई गई है. गौरतलब है कि ये पहला मौका है, जब मुस्लिम धर्मगुरु सामने आकर लोगों से सड़कों पर नमाज न पढ़ने की अपील कर रहे हैं. मुस्लिम उलेमा के इस बयान के बाद प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है. 

ये बोले धर्मगुरु
लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बताया कि इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने अलविदा और ईद की नमाज को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें नमाजियों से मस्जिद के अंदर ही नमाज अदा करने की अपील की गई है, ताकि नमाजियों की वजह से ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं पैदा न हो. उन्होंने लोगों से ये भी अपील की है कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर की आवाज भी कम रखें. वहीं, मस्जिद दारुल उलूम फिरंगी महल के मौलाना सूफियान निजाम का कहना है कि लोग मस्जिद परिसर के अंदर ही नमाज पढ़ें न कि सड़क पर. लाउडस्पीकर की आवाज भी मानकों के अनुसार रखी जाए.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
वहीं, एडीजी (सुरक्षा और कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि अलविदा जुमा और ईद की नमाज के लिए पूरे प्रदेश में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले हफ्ते ही जुमे की नमाज को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे, इसके बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा को लेकर कड़ी नजर रखी जा रही है. गौरतलब है कि प्रदेश भर में 31151 स्थानों पर अलविदा जुमे की नमाज अदा की जाएगी. इनमें से 2705 संवेदनशील स्थान हैं. वहीं, ईद के मौके पर 7436 ईदगाहों में नमाज अदा की जाएगी. इस दौरान 19949 मस्जिदों  में ईद की नमाज अदा की जाएगी. ईद के दिन के लिए भी 2846 स्थानों को संवेदनशील स्थलों की श्रेणी में रखा गया है. सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रदेश भर में 46 कंपनी पीएसी, सात कंपनी केंद्रीय अर्ध सैनिक बल उपलब्ध कराया गया है. इसके अलावा मुरादाबाद और प्रयागराज में दो-दो अतिरिक्त पुलिस उपाधीक्षकों की तैनाती भी अलविदा नमाज और ईद की नमाज को देखते हुए की गई है.

महत्वपूर्ण है अलविदा जुमे की नमाज
आज रमजान महीने का आखिरी जुमा है. रमजान के आखिरी जुमे को अलविदा जुमा कहा जाता है. इस जुमे की इबादत को मुस्लिम समाज में बहुत ही अहम माना जाता है. लिहाजा, जुमे की नमाज में बड़े, बूढ़े, नौजवान और बच्चे बड़ी संख्या में नमाज पढ़ने के लिए मस्जिदों में जाते हैं. लिहाजा, इस दिन लोगों की संख्या ज्यादा होने से मस्जिदें छोटी पड़ जाती है और लोग सड़कों पर भी नमाज पढ़ने लग जाते हैं. इसकी वजह से कई बार सड़कों पर जाम जैसी स्थिति बन जाती है. जिसकी समय-समय पर हिंदूवादी संगठनों की ओर से विरोध किया जाता रहा है. 

ये भी पढ़ेंः हेट स्पीच पर ये खास कदम उठाएगी कर्नाटक की भाजपा सरकार

सीएम योगी दे चुके हैं सख्त निर्देश
गौरतलब है कि अजान-हनुमान चालीसा विवाद के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया था कि उनकी सरकार सभी धर्मों को समान सम्मान देती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर अपनी आस्था का घिनौना प्रदर्शन करते हुए दूसरों को परेशान किया गया तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों ने हनुमान जयंती के अवसर पर सूबे के माहौल को प्रदूषित करने की कोशिश की थी. इससे सबक लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से 3 मई को ईद और अक्षय तृतीया एक साथ होने की संभावना के लिए तैयार रहने को कहा था. वहीं, खुले में नमाज न पढ़ने के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मुस्लिम धर्मगुरुओं और पुलिस प्रशासन के बीच बैठकों का दौर चला. सीएम ने वरिष्ठ अधिकारियों को धार्मिक नेताओं और मस्जिदों और मंदिरों में समारोहों का प्रबंधन करने वाली समिति के साथ लगातार संपर्क में रहने के लिए कहा है. शहरी क्षेत्रों और गांवों में प्रतिनियुक्त कांस्टेबलों को सख्त निगरानी रखने और नियमों के उल्लंघन और उपद्रवियों के जमावड़े की सूचना जिला मुख्यालय को देने के लिए भी कहा गया है.

HIGHLIGHTS

  • मुस्लिम धर्म गुरुओं ने की सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने की अपील
  • लाउडस्पीकर की आवाज भी कम रखने के दिए गए निर्देश
  • उलेमा के इस बयान के बाद प्रशासन ने भी ली राहत की सांस 
alvida jumma juma ki namaz alvida jumma ki namaz alwida ki namaz alwida namaz news guidellines
Advertisment
Advertisment
Advertisment