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मुस्लिम पक्ष का दावा, ज्ञानवापी परिसर में 'त्रिशूल' का चिन्ह नहीं बल्कि 'अल्लाह' लिखा

मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील का दावा है कि त्रिशूल का चिन्ह सही रूप में त्रिशूल का चिन्ह नहीं है बल्कि 'अल्लाह' लिखा है.

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Mohit Saxena
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Gyanvapi case

Gyanvapi case( Photo Credit : social media )

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Gyanvapi Mosque ASI Survey: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे का आज 5वां ​दिन था. इस बीच मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील का दावा है कि सर्वे के दौरान मस्जिद में दिख रहा त्रिशूल का चिन्ह सही रूप में त्रिशूल का चिन्ह नहीं है बल्कि 'अल्लाह' लिखा है. वकील अखलाक अहमद के अनुसार, ASI को पता करना है कि आखिर परिसर के अंदर है क्या. इस दौरान जो तस्वीरें और फोटो वीडियो चलाए गए हैं, वह पिछली बार वकील कमीशन की कार्यवाही के वक्त लिए गए हैं. इसे फिर से क्यों नए तरीके से विकसित कर रहे हैं?

अखलाक अहमद ने कहा कि जितनी तस्वीरें सामने आई हैं, वह पिछली बार एडवोकेट सर्वे की कार्यवाही में ली गई हैं। उन्होंने कहा कि ASI को यह जांच करनी होगी कि मस्जिद के नीचे आखिरकार है क्या? ये जो भी तस्वीरें चलाईं जा रही हैं, वह पिछली बार वकील कमीशन की कार्यवाही के वक्त का है। अब उसे दोबारा से क्यों नए तरीके से विकसित कर रहे हैं?

मस्जिद के गुंबद की फोट पिछली बार की हैं  

वकील अखलाक अहमद का कहना है कि गुंबद की तस्वीरें भी पिछली बार की हैं। अभी हो रही ASI सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद होकर अदालत में जानी है। यह सूचना बाहर नहीं आ सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद के गुंबद के नीचे शंक्वाकार आकृति या शिखर नुमा शेप के सवाल के जवाब में वकील अखलाक अहमद का कहना है कि विश्व में जितने भी बड़े गुंबद हैं, वे दो हिस्सों में बने हैं। अगर ऐसा न होतो तो हवा क्रॉस होने की जगह न होने के कारण गुंबद गिर जाएंगे.

Source : News Nation Bureau

Gyanvapi case Kashi Vishwanath-Gyanvapi Case
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