बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने जबरन धार्मिक नारे लगवाने और इसके नाम पर अत्याचार की घटनाओं की सोमवार को निंदा की.
बसपा नेता ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में जबरन धार्मिक नारे लगवाने और उस आधार पर जुल्म-ज्यादती की जो नयी गलत प्रथा चल पड़ी है, वह अति-निन्दनीय है. केन्द्र एवं राज्य सरकारों को इस हिंसक प्रवृति के विरूद्ध सख्त रवैया अपनाने की जरूरत है ताकि भाईचारा एवं सद्भावना हर जगह बनी रहे और विकास प्रभावित नहीं हो.’’
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रविवार को बागपत जिले के दोघट क्षेत्र में एक मस्जिद के इमाम के साथ कुछ युवकों ने कथित रूप से मारपीट कर उनकी दाढ़ी नोच ली और 'जय श्री राम' लगाने का दबाव बनाया. पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पाण्डेय ने रविवार को बताया, ‘‘प्रथम दृष्टया यह मामला सिर्फ मारपीट का लग रहा है. हालांकि शिकायत के आधार पर पुलिस ने करीब 12 युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.’’
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गौरतलब है कि 12 जुलाई को उन्नाव जिले में कथित रूप से 'जय श्रीराम' का नारा लगाने से इनकार करने पर मदरसे के चार छात्रों से मारपीट का मामला सामने आया था.
उन्नाव के पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) उमेश चंद्र त्यागी ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से शुक्रवार को बताया था कि एबी नगर स्थित मदरसा दारुल उलूम फैज—ए—आम में पढ़ने वाले चार छात्र बृहस्पतिवार को जब जीआईसी मैदान में क्रिकेट खेलने गये थे तब वहां पहले से ही खेल रहे कुछ युवकों ने मदरसा छात्रों से 'जय श्रीराम' का नारा लगाने को कहा.
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इससे इनकार करने पर उन्होंने बल्ले और स्टम्प से उनकी पिटाई की. घटना में मदरसे के चारों छात्रों को चोटें आयीं. हालांकि बाद में लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन कर बताया, ‘‘यहां नारे को लेकर कोई मारपीट नहीं हुई, बल्कि बच्चों के बीच क्रिकेट खेलने को लेकर विवाद हुआ था.’’
Source : Bhasha