देश के 13 मान्यता प्राप्त हिंदू मठों के आदेशों की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी का फैसला अक्टूबर के पहले सप्ताह में करेगी. महंत नरेंद्र गिरि के मौत पर 16वें दिनों तक चलने वाला अंत्योष्ठी संस्कार 'षोडशी' 5 अक्टूबर को उनके बाघंबरी मठ में होगा. मठ के एक वरिष्ठ संत ने कहा कि 13 मठों के प्रतिनिधियों के बीच आम सहमति यह है कि एबीएपी की बैठक महंत के 16वें दिन के अनुष्ठान से ठीक पहले होनी चाहिए. अंतिम तिथि की घोषणा जल्द की जाएगी.
एबीएपी की बैठक नहीं हो सकेगी बाघमाघी मठ में
हालांकि प्रयागराज में एबीएपी की बैठकें हमेशा बाघमाबी मठ परिसर में होती रही हैं, लेकिन अगली बैठक यहां नहीं हो सकती है क्योंकि अधिकांश संतों का मानना है कि षोडशी के अनुष्ठान से पहले मठ में ऐसा कोई आयोजन नहीं होना चाहिए. एबीएपी की बैठक या तो श्री पंचायती अखाड़े के मनहिरवानी आश्रम दारागंज में या श्री पंचायती उदासीन अखाड़ा परिसर प्रयागराज के किडगंज में हो सकती है. एबीएपी के महासचिव और जूना अखाड़े के संरक्षक, महंत हरि गिरि ने पुष्टि की है कि महंत नरेंद्र गिरि के 'षोडशी' अनुष्ठान से पहले एबीएपी की एक बैठक आयोजित करने की योजना है. इसके दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा होगी.
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2014 कुंभ के बाद एबीएपी अध्यक्ष बने थे महंत नरेंद्र गिरि
कुंभ 2013 के तुरंत बाद 2014 में महंत नरेंद्र गिरि एबीएपी अध्यक्ष पद के लिए चुने गए थे. अखाड़ा परिषद प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही कुंभ 2019 का आयोजन भव्य तरीके से किया गया था. नरेंद्र गिरि को अक्टूबर 2019 में हरिद्वार में हुई एक बैठक के दौरान इस पद के लिए फिर से चुना गया था. अधिकांश संत अब चाहते हैं कि एक नया एबीएपी प्रमुख प्राथमिकता के आधार पर चुना जाए क्योंकि कुंभ 2025 की तैयारी कम से कम 2-3 साल पहले से शुरू करने की जरूरत है.
HIGHLIGHTS
- 16वें दिनों तक चलेगा महंत नरेंद्र गिरि अंत्योष्ठी संस्कार षोडशी
- एबीएपी की बैठक महंत के 16वें दिन के अनुष्ठान से पहले हो
- 2025 के महाकुंभ की तैयारियों पर भी है अखाड़ा की नजर