कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने जेलों में बंद कैदियों की रिहाई पर विचार करने का फैसला किया है. जिसके बाद प्रयागराज में कैदियों को पेरोल पर छोड़ने की सूची बन रही है. प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से करीब 150 सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदी पेरोल पर रिहा होंगे. हत्या, बलात्कार आदि जैसे गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाने वाले या अंडर ट्रायल के अलावा कैदियों को 60 दिन के पेरोल पर रिहा किया जाएगा. हालांकि इन कैदियों को पैरोल अवधि की समाप्ति के बाद आत्मसमर्पण करना होगा.
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दरअसल, राज्य की जेलों में भीड़भाड़ और सोशल डिस्टेंसिंग ना होने के कारण कई कैदी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. जिसको देखते हुए सरकार ने इस पर फैसला लिया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में हाई-पावर्ड कमेटी (एचपीसी) द्वारा इस निर्णय को मंजूरी दी गई थी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय यादव की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी ने सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों की रिहाई की योजना घोषित की है. समिति में जस्टिस संजय यादव के अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह, अवनीश कुमार अवस्थी और महानिदेशक (जेल), आनंद कुमार शामिल हैं.
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न्यायिक अधिकारियों को जेलों में जाकर योजना के तहत कार्रवाई का आदेश दिया गया है. कैदियों को 60 दिन के पेरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश है. बताया जाता है कि 65 वर्ष से ऊपर के सभी पुरुष कैदी, 50 वर्ष से ऊपर की सभी महिला कैदी, गर्भवती महिला कैदी, सभी पुरुष या महिला कैदी जो कैंसर या अन्य गंभीर, गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, 60 दिनों की अवधि के लिए पैरोल के हकदार होंगे. गौरतलब है कि पिछले साल भी कोरोना संक्रमण के चलते कैदियों को पेरोल पर रिहा किया गया था. हालांकि समय पूरा होने के बाद 2 दर्जन से अधिक आरोपी फरार हो गए थे. इस प्रकरण में पुलिस को विधिक कार्रवाई करनी पड़ी थी.
HIGHLIGHTS
- प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में कोरोना का साया
- संक्रमण के चलते करीब 150 कैदी होंगे पैरोल पर रिहा
- नैनी सेंट्रल जेल में बनाई जा रही है कैदियों की सूची