भारत-चीन सीमा विवाद (Indo china land dispute) इस वक्त चरम पर है. इस दौरान नेपाल (Nepal) भी कोई दावा नहीं गंवाना चाह रहा है. नेपाल ने पिछले कुछ दिनों से चीन के सह पर अपनी नापाक इरादा जाहिर कर रहा है. नेपाल पहले भारतीय जमीन को अपनी जमीन बताकर कब्जा कर लिया. अब चीन निर्मित सामान पर नेपाल अपनी मुहर लगाकर भारत को आपूर्ति कर रहा है. इसका खुलासा रुपईडीहा बार्डर पर पकड़े गए नेपाल से स्टील के सामान लदे ट्रक की जांच में हुआ है. स्टेट टीम अभिलेख व सामान की जांच में जुटी है. इस खुलासे ने कस्टम व सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. बता दें कि भारत-नेपाल के बीच आयात-निर्यात को लेकर समझौता है. भारत में चीनी उत्पाद के बहिष्कार की मुहिम को देखते हुए चीन ने फिर नया पैंतरा चला है. इसके लिए उन्होंने नेपाल को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.
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व्यापारी समझौते का फायदा उठा रहा नेपाल
इसी को देखते हुए नेपाल ने चीनी सामान पर अपनी मुहर लगाकर माल भारत भेज रहा है. लॉकडाउन के चलते सीमा सील कर दी गई थी. अब जब गलवान घाटी को लेकर चीन से हालात बिगड़े तो नेपाल ने चीन का साथ गह लिया. देश में चीनी सामानों के बहिष्कार को देखते हुए चीन के सामान पर नेपाल की मुहर लगाकर व्यापारी समझौते का फायदा उठाकर भारत भेज रहे हैं. 27 जून को नेपाल से सामान लेकर रुपईडीहा बार्डर पर पहुंचे ट्रक की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. लखनऊ के कस्टम डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में टेक्निकल टीम रुपईडीहा पहुंच गई है. अभिलेख व सामान की जांच में जुटी है. इससे पहले 20 मार्च को स्टील के सामान लाद कर ट्रक इंडो-नेपाल बार्डर से निकला था.
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ट्रक में शुद्ध स्टील की बोल्बो टी, स्टील पाइप, स्टील के बड़े मोटे ङ्क्षरग व स्टील सीट लदे हैं
रुपईडीहा के कस्टम अधीक्षक दयाशंकर ने बताया कि नेपाल से आए ट्रक में शुद्ध स्टील की बोल्बो टी, स्टील पाइप, स्टील के बड़े मोटे ङ्क्षरग व स्टील सीट लदे हैं. अभिलेख में इसे स्क्रेप दर्शाया गया है, लेकिन यह माल स्क्रेप की परिधि में नहीं आता है. कस्टम अधीक्षक ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि यह सामान नेपाल के वीरगंज में चीन से लाकर डंप किया जाता है. यहां व्यापारी नेपाल की मुहर लगाते हैं. उन्होंने बताया कि यह सामान दिल्ली, मुंबई व कार्तिक ट्रेडर्स बिजनौर भेजा जाता है.