लॉकडाउन ने छीना काम, बेटी की दवाई के लिए एक पैसा नहीं, महिला बोली- सरकार अब तो करो मदद

निठारी की ही एक और महिला ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि जो दूसरों के घरों में काम करते हैं, उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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Sushil Kumar
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पीड़ित महिला( Photo Credit : ट्विटर ANI)

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Coronavirus (Covid-19) : उत्तर प्रदेश के एक निठारी गांव की एक महिला कोरोना वायरस (Coronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19) के चलते लागू लॉकडाउन में काफी परेशान हैं. उसके पास खाने को अब कुछ नहीं बचा है. उसकी बहुत ही दयनीय स्थिति है. घर में जो राशन (Ration) बचा था, सब खत्म हो गया है. वह अपनी 14 साल की बेटी को लेकर भी काफी परेशान हैं. महिला दूसरे लोगों के घरों में काम करती है. उन्होंने कहा कि मैं बहुत चिंतित हैं, क्योंकि मेरी 14 साल की बेटी दिल की बीमारी (Corona) से पीड़ित है. उसे दवाओं की ज़रूरत है और मुझे उसकी दवाएं खरीदने के लिए एक पैसा भी नहीं है. पति एक रिक्शाचालक है, लॉकडाउन के चलते अब कोई काम ही नहीं है. जिससे घरों में खाने का कोई इंतजाम हो सके.

वहीं निठारी की ही एक और महिला ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि जो दूसरों के घरों में काम करते हैं, उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान उन्हें कोई काम ही नहीं है. महिला ने बताया कि वह एक नजदीक के बिल्डिंग में घर का काम करती है. उसके दो बच्चे हैं और उसके पति का निधन हो चुका है. खाने को अब राशन नहीं है. जो बचा था, सब खत्म हो गया. उन्हें अब ये डर सता रहा है कि अब वे आगे क्या करें. उन्होंने सरकार से मदद करने की विनती की है. उन्होंने कहा कि अब सरकार मदद नहीं करेगी तो हम लोग भूखे मर जाएंगे.

इन महिलाओं का कहना है कि कोरोना से बाद में मरेंगे, लेकिन इससे पहले भूख से मर जाएंगे. कोई हमारी मदद करने को नहीं है. ना काम बचा है और ना ही खाना. क्या करें और क्या खायें. सरकार भी हमारी सुध नहीं ले रही है. हालांकि सरकार इस दौरान मदद करने में जुटी है. लेकिन फिर कुछ जगह ऐसे हैं, जहां अभी तक मदद नहीं पहुंची है. लोगों को खाने की सबसे बड़ी दिक्कत है. वहीं इससे पहले बिहार से आए मजदूर गुरुग्राम में फांसी के फंदे से झूल गया. खाने को एक भी पैसे नहीं थे. घर का पूरा राशन खत्म हो गया था. इसके लिए उन्हें अपना मोबाइल भी बेचना पड़ा. मोबाइल बेच कर जो पैसे मिले उससे वह राशन खरीदा, इसके बाद फांसी लगाकर जान दे दी. बंदी के दौरान कई इस तरह की घटनाएं सामने आने लगे हैं.

Source : News Nation Bureau

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