उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक बेहद ही अमानवीय और लापरवाही से भरा मामला सामने आया है. यहां एक परिवार घंटों तक कोरोना से हुई मौत परिजन के लाश के साथ बैठा रहा. परिवार के अन्य सदस्य भी कोरोना संक्रमित हैं, जिस वजह से वो मजबूरी में वहीं बैठे रहे. परिवार का आरोप है कि पीड़ित को ठीक से इलाज नहीं मिल पाया था, जिस वजह से उनकी मौत हुई. वहीं मृतक के परिवार ने कई विभागों से अंतिम संस्कार के लिए मदद की गुहार लगाई लेकिन उन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिली. सोशल मीडिया पर इस अमानवीय घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसे मृतक शख्स के बेटे ने बनाया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे पीड़ित परिवार शव के साथ बैठा हुआ है.
#शर्मनाक, नोएडा में ये हालत, कोरोना का इलाज करा रहे वृद्व को नहीं मिली किसी अस्पताल में जगह, दोपहर डेढ़ बजे हुई मौत, रात पौने आठ बजे तक भी घर पर ना स्वास्थ्य विभाग और ना ही प्रशासन की कोई टीम पहुंची, घर के सभी सात लोग हैं कोरोना संक्रमित.
— Nishantkaushik (@Nishant15783056) April 12, 2021
मृत व्यक्ति के बेटे द्वारा बनाया वीडियो pic.twitter.com/Obe2Pzq4yC
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित परिवार नोएडा के सेक्टर 76 आम्रपाली सिलिकॉन में रहता हैं. यहीं के निवासी देव नारायण झा की मौत सोमवार करीब डेढ़ बजे हो गई. परिजनों के मुताबिक, 74 वर्षीय देव नारायण कोरोना के मरीज थे और उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ने पर पर वो लोग उन्हें प्राइवेट अस्पताल ले गए थे, जहां जांच के बाद 9 अप्रैल को कोविड की पुष्टि हुई. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने परिवार को उन्हें होम आइसोलेशन में रखने की सलाह देकर घर भेज दिया.
परिवार का आरोप है कि उन्हें गाइडलाइन या परहेज संबंधी कोई जानकारी नहीं दी गई. वहीं जब घर में मरीज की हालत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने विभिन्न हेल्पलाइन, अस्पतालों ,स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से मदद के लिए संपर्क किया लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. सोमवार को इलाज के अभाव में मरीज नए दम तोड़ दिया.
इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए मदद की गुहार लगाने लगे. मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने एवं परिवार के अन्य सदस्यों के भी पॉजिटिव होने के कारण पारिवारिक सदस्यों के लिए मृतक का अंतिम संस्कार करने बाहर जाना संभव नहीं था. मृतक की पत्नी बेटे सहित परिवार के छह लोग कोरोना पॉजिटिव है. कई बार कॉल करने पर शाम को पीसीआर तो पहुंची. लेकिन बिना किसी तरह की मदद दिए वापस चली गई मजबूरन परिवार घंटो मृत शरीर के साथ बैठा रहा .
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वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग ने बयान जारी कर कहा है कि मामले की जांच की जा रही है, प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर को नोटिस देकर जवाब मांगा जा रहा है. सरकारी सिस्टम से परिवार में किसी ने संपर्क नहीं किया था. लाख कोशिश के बावजूद जब परिवार को मदद नहीं मिली तो उन्होंने सोशल मीडिया पर ये वीडियो जारी किया.
मामले में सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने कहा कि निजी अस्पताल के डॉ. मानस चटर्जी द्वारा मरीज को जांच के बाद घर भेजा गया. वृद्धावस्था के बाद भी मरीज को होम आइसोलेशन में क्यों भेजा गया, इसकी जांच की जाएगी. मरीज हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन से भी ग्रस्त था. सोमवार से पहले मरीज के परिजनों द्वारा हेल्पलाइन नंबर से संपर्क का कोई श्रोत नहीं मिला है. जैसे ही टीमों को घटना की सूचना मिली तत्काल सहायता उपलब्ध कराई गई.