नोएडा जिला अस्पताल (District Hospital) में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद से हालात सामान्य नहीं है. सेक्टर 30 में स्थित जिला अस्पताल के काम काज को छोड़कर हॉस्पिटल (Hospital) के बाहर स्वास्थ कर्मी आए. डिलेवरी के लिए हॉस्पिटल में डॉक्टर न आने पर स्वास्थ कर्मियों में नाराज़गी है. 11 मई से डिलेवरी के लिए हॉस्पिटल में डॉ. नहीं आने का आरोप लगाया है. डिलेवरी के लिए पहुंचे लोगों को भी हॉस्पिटल से वापस भेजा. जिला अस्पताल के स्टाफ की तरफ से CMO को लिखा पत्र भी वायरल हो गया. पत्र में गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कोरोना संभावित मरीजों को जिला अस्पताल से दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की मांग पत्र में की गई है.
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CMS ने हॉस्पिटल में व्यवस्थाओं को समान्य बताया
कोरोना संभावित गर्भवती महिलाओं के जिला अस्पताल में भर्ती होने से स्टाफ़ ने नाराजगी जताई है. पूरे मामले में CMS की सफाई सामने आई है. CMS ने हॉस्पिटल में व्यवस्थाओं को समान्य बताया. वहीं ग्रेटर नोएडा में कोरोना पॉजिटिव महिलाओं (Corona Pregnanat Lady) ने बच्चों को जन्म दिया है. मां और बच्चे सब ठीक हैं. कोरोना संकट के बीच ऐसी तस्वीरें आपके चेहरे पर एक मुस्कान तो ले ही आती हैं. ग्रेटर नोएडा के GIMS हॉस्पिटल (Hospital) में 4 गर्भवती महिलाएं लाई गईं थीं.
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कोरोना संक्रमित महिलाओं ने दिया बच्चों को जन्म
ये सभी कोरोना पॉजिटीव थीं. लेकिन अस्पताल और डॉक्टर्स ने हिम्मत नहीं हारी. सभी महिलाओं ने अस्पताल में स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है. अब महिलाएं भी कोरोना से जंग जीत चुकी हैं. अब इन सभी महिलाओं और उनके बच्चों को आज हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है. इनमें से 2 महिलाओं ने सर्जरी के जरिए जबकि 2 महिलाओं को नार्मल डिलीवरी हुई. ग्रेटर नोएडा के GIMS से आज 18 लोग डिस्चार्ज किए गए.