क्वारंटाइन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर नोएडा डीएम पर बरसी शीर्ष अदालत

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोविड-19 क्वारंटीन प्रोटोकॉल पर राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) सुहास एल. वाई. को फटकार लगाई.

author-image
Sunil Mishra
New Update
Suhas L Y

क्वारंटाइन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर नोएडा डीएम पर बरसा SC( Photo Credit : IANS)

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को कोविड-19 क्वारंटीन प्रोटोकॉल पर राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) सुहास एल. वाई. को फटकार लगाई. न्यायाधीश अशोक भूषण, न्यायाधीश एस. के. कौल और न्यायाधीश एम. आर. शाह की पीठ ने नोएडा में होम क्वारंटाइन के बजाए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन को लागू किए जाने के नोएडा डीएम के आदेश की आलोचना की. पीठ ने कहा, राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के विपरीत दिशा-निर्देश नहीं हो सकते.

यह भी पढ़ें : कचरे की गाड़ी में शव ले जाने के मामले में मानवाधिकार आयोग का यूपी सरकार को नोटिस

पीठ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच अंतर-राज्य आवाजाही पर प्रतिबंध हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति अराजकता पैदा कर सकती है. पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है. अदालत ने डीएम से आदेश की समीक्षा करने को भी कहा. शीर्ष अदालत ने इस मामले की आगे की सुनवाई 17 जून को निर्धारित की है.

इस बीच दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा बॉर्डर पर आवागमन के मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली, उप्र और हरियाणा के गृह सचिव के साथ ही केंद्रीय गृह सचिव की नौ जून को बैठक हुई थी, जिसमें अवगत कराया गया है कि दिल्ली-हरियाणा मार्ग पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा.

यह भी पढ़ें : क्‍या हैं बाल श्रमिक विद्या योजना के फायदे, किसको मिलेगा लाभ और क्‍या है इसका मकसद

शीर्ष अदालत ने उप्र सरकार के वकील से यह पता लगाने के लिए कहा कि क्या नोएडा जिला मजिस्ट्रेट ने घर या संस्थागत क्वारंटाइन के बारे में राष्ट्रीय दिशानिर्देश के विपरीत आदेश जारी किए हैं. न्यायमूर्ति भूषण ने कहा कि नोएडा डीएम ने उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किए गए निर्देशों के विपरीत निर्देश जारी किए थे. पीठ ने कहा, हालांकि आवश्यक सेवाओं की अनुमति है, लेकिन डीएम के आदेश उप्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं हैं.

न्यायमूर्ति शाह ने मेहता से कहा कि वे इस मामले को देखें और सुनिश्चित करें कि राज्य राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन न करें. इस बीच उप्र सरकार के वकील ने कहा कि राज्य ने डॉक्टरों, अधिवक्ताओं, मीडियाकर्मी और अन्य लोगों को सीमाओं पर ई-पास दिखाकर बॉर्डर पार करने की अनुमति दी है. दिल्ली-एनसीआर में अंतर-राज्य आवागमन से संबंधित मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट ने चार जून को कहा था कि यह प्रयास होना चाहिए कि एनसीआर में अंतर-राज्य यात्रा के लिए एक आम नीति, एक आम पोर्टल और एक पास हो.

Source : IANS

Supreme Court covid-19 corona-virus coronavirus Quarantine NOIDA DM Covid 19 protocol Suhas LY
Advertisment
Advertisment
Advertisment