कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सरकार दिनरात काम कर रही है. कुछ ऐसे भी सरकार कर्मचारी हैं जो गैरहाजिर चल रहे हैं. ऐसे बाबुओं को लेकर अब सख्ती शुरू हो गई है. नोएडा के नवनियुक्त जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने जिले की जंग खाई पड़ी सरकारी मशीनरी को 'ऑल इन वन' की तर्ज पर 'कोरोना कॉल सेंटर' स्थापित कर कर टोल फ्री 18004192211 नंबर देकर चालू भी करवा दिया गया है.
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अब 'कोरोना कॉल सेंटर' की स्थापना के बाद जिले की जंग लगी सरकारी मशीनरी के 'कलपुर्जे' समझे जाने वाले कुछ अफसरों और बाबूओं को फुतीर्ला बनाने के लिए भी सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. शनिवार को जिले के नवनियुक्त जिलाधिकारी ने इसका भी तोड़ भी निकाल लिया. इस बाबत उन्होंने शनिवार यानि 4 अप्रैल 2020 को एक आदेश जारी कर दिया। आदेश भी ऐसा जिसके 'आम' होते ही ढीले और कामचोर अफसर-बाबूओं के होश उड़ गए.
आदेश संबोधित तो है मुख्य चिकित्साधिकारी गौतमबुद्ध नगर के नाम है मगर नींद उड़ी है कोरोना की मुसीबत में ड्यूटी से गायब अफसर-बाबूओं की. इनकी संख्या पहले 51 थी. नए डीएम ने जब जिला प्रशासन में तैनात मातहतों को हड़काया तो 51 में से 34 अफसर कर्मचारी नौकरी पर लौट आए. 17 शनिवार तक भी गायब मिले. डीएम के शनिवार को जारी इस आदेश में कहा गया है कि जिले में तैनात जो 17 सरकारी अफसर-बाबू गायब हैं, वे 24 घंटे के भीतर ड्यूटी पर तुरंत वापिस लौट आएं, वरना 24 घंटे बाद इन 17 गैर-हाजिर चल रहे कर्मचारियों के खिलाफ थानों में एफआईआर (मुकदमा) दर्ज करवा दी जाएगी. साथ ही सरकारी नौकरी से बर्खास्त भी कर दिया जाएगा.
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तमाम चेतावनियों के बाद भी 17 सरकारी कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी ज्वाइन न किए जाने से डीएम किस कदर झल्लाए हुए कहिए या फिर खफा हैं? इसका अंदाजा भी डीएम सुहास एल.वाई के आदेश में साफ साफ दिखाई पड़ता है. आदेश में डीएम ने 17 कर्मचारियों की ड्यूटी से गैर-हाजिरी को बेहद निराशाजनक और संबंधित व्यक्तियों द्वारा अपने दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही का सूचक करार दिया है. जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर के इसी आदेश में आगे लिखा है कि अनुपस्थित सभी 17 कर्मचारी तत्काल प्रभाव से 5 अप्रैल 2020 यानि रविवार की मध्यरात्रि 12 बजे तक अपनी ज्वाइनिंग रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को दे दें, वरना परिणाम भुगतने को तैयार रहें.
जानकारी के मुताबिक, परिणाम भी कोई वेतन कटौती या फिर सेवा चरित्र पंजिका (गोपनीय विभागीय रिपोर्ट यानि एसीआर) में नकारात्मक या फिर सख्त टिप्पणी तक सीमित नहीं रहेगा, जो 17 कर्मचारी रविवार आधी रात तक ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे उनके खिलाफ थाने में मुकदमा कायम कराया जाएगा. इसके बाद ड्यूटी से फरार चल रहे इन संबंधित कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया जाएगा। फिलहाल दो टूक सख्त लहजे में लिखा गया आदेश बेहद गंभीर है और कोरोना जैसी महामारी में भी ड्यूटी से गायब चल रहे सरकारी कर्मचारियों के पास नौकरी बचाने के लिए वक्त बहुत कम है.
Source : IANS/News Nation Bureau