नोएडा में अब तक सीना तान कर खड़ी रही भ्रष्टाचार की वो बुलंद इमारत ध्वस्त हो चुकी है, जिसके लिए दशक भर से ज्यादा लंबे समय तक लड़ाई चली. कभी ये टॉवर सिर्फ 16 मंजिला होने थे, लेकिन बढ़ते-बढ़ते इन्हें 40 मंजिला बनाने की इजाजत मिल गई थी. फिर जब खरीदारों ने लड़ाई लड़ी, तो भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुकी ये इमारत आज जमींदोज ही हो गई. इसे गिराने के लिए 3700 किलो विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया और ये देखते ही देखते महज 9 सेकंड्स में धूल में मिल गई. सुपरटेक ट्विन टॉवर्स की कहानी इसी के लिए खत्म हो गई. हालांकि ऐसा भी नहीं कि पूरी कहानी खत्म हो गई हो, अब असली चुनौती सामने है. चुनौती है लोगों को बचाने की. धूल के गुबार से निपटने की. हजारों टन मलबे को हटाने की.
2.30 बजे ढही दोनों बिल्डिंग
इस बिल्डिंग को गिराने की तैयारियां लंबे समय से चल रही थी. जो आखिरकार 2.30 बजे गिरा ही दी गई. इसे गिराने से पहले तमाम तरह की तैयारियां की गई, जिसमें सैकड़ों पुलिस बल की तैयारी, आस-पास के इलाके को खाली कराने की मशक्कत, ट्रैफिक रूट का डायवर्जन, धूल से निपटने के लिए स्मॉग फाइटर्स, आस-पास के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित करने से लेकर और भी बहुत कुछ. इतनी बड़ी इमारत को गिराने का भी ये पहला मामला है.
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अभी बाकी हैं चुनौतियां
हालांकि अभी सुपरटेक ट्विन टावर को गिराए जाने के बाद एक चरण का ही काम पूरा हुआ है. इमारतों को गिराए जाने से करीब 80 हजार टन मलबा निकलेगा, जिन्हें साफ करने में कम से कम 3 महीने का समय लगेगा. ट्विन टॉवर के गिरने के बाद आसपास के पूरे इलाके में धूल ही धूल फैल गई है, जिसे हटाना भी प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है. देखें-वीडियो...
HIGHLIGHTS
- धूल में मिल गई भ्रष्टाचार की इमारत
- 3700 किलो विस्फोटकों का इस्तेमाल
- पूरा इलाका कराया गया था खाली