लखनऊ में मऊ के गैंगस्टर अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोप में बसपा के पूर्व सांसद और माफिया डॉन धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. पिछले महीने लखनऊ में हुई अजीत सिंह की हत्या का आरोपी शार्पशूटर गिरधारी की भी पिछले हफ्ते गोली लगने से मौत हो गई थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने धनंजय सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि साजिश में बसपा के पूर्व सांसद की संलिप्तता के सबूत मिले हैं और इसमें उनकी भूमिका की जांच की जा रही है.
धनंजय ने गोमती नगर एक्सटेंशन में स्थित शारदा अपार्टमेंट में एक फ्लैट खरीदा है, जहां अजीत सिंह की हत्या करने वाले वाले शूटर रूके हुए थे. ईस्ट जोन के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त कासिम आबिदी ने कहा कि माफिया डॉन कुंतू सिंह के खिलाफ बयान देने से रोकने के लिए सिंह की हत्या की गई है, जो साल 2013 में पूर्व सांसद सर्वेश सिंह सुपू की हत्या का आरोपी है. अजीत सिंह एक गवाह था और केस के मामले में उसके बयान की काफी अहमियत थी.
शिवेंद्र सिंह, राजेश तोमर, बंटी, रवि यादव, संदीप और गिरधारी इन छह शूटरों ने मिलकर 6 जनवरी को लखनऊ में अजीत सिंह और उसके साथी पर गोलियां चलाई थीं. इस हमले में सिंह मारा गया, जबकि उसके साथी को गंभीर चोटें आईं. गिरफ्तार शूटर संदीप ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया था कि बंटी, शिवेंद्र और बंधन गोली लगने से घायल राजेश को धनंजय के फ्लैट में लेकर गए और वहां से उसे सुल्तानपुर के एक डॉक्टर के पास ले जाया गया. बाद में सुल्तानपुर के इसी डॉक्टर ने पुष्टि की थी कि उन्हें 7 जनवरी को धनंजय से एक व्हाट्सअप कॉल आया था, जिसमें एक गैंगस्टर के इलाज की बात कही गई थी.
आपको बता दें कि इसके पहले साल 2020 में मई में कोरोना काल के दौरान उत्तर प्रदेश के जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था. आपराधिक छवि वाले धनंजय सिंह पर जल निगम केप्रोजेक्ट मैनेजर को अपहरण एवं धमकी देने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था. पचहटिया स्थित जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने लाइन बाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ तहरीर देकर अपहरण एवं धमकी देने का मामला दर्ज कराया गया था.
Source : News Nation Bureau