उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर तल्ख टिप्पणी की है. वे न्यूज नेशन एवं न्यूज स्टेट के कॉन्क्लेव 'शहर बनारस' 'बनारस बोलत हौ...' में बोल रहे थे. कॉन्क्लेव में उन्होंने बनारस, उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव और अपने राजनीतिक अनुभव पर चर्चा की. सतीश महाना ने प्रदेश की पूर्व की सरकारों पर जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया. सतीश महाना ने कहा कि जीवन में विश्वास से बड़ी कोई चीज नहीं होती. मैं सात बार विधानसभा का चुनाव जीता नहीं बल्कि जनता ने मुझे जिताया. मेरे जीवन का मूलमंत्र 'लॉयल्टी' है. यह लॉयल्टी अपनी पार्टी और जनता के प्रति, अपने क्षेत्र की जनता और जिसने वोट देकर मुझे जिताया उसके प्रति है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर को हम राजनीति से नहीं जोड़ते हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा-2022 में विकास के नाम पर वोट पड़ेगे. बंगाल और उत्तर प्रदेश की राजनीति अलग है. राम इस देश की आत्मा और आस्था है. 2014 से पहले राजनीति में जातिवाद हावी थी. काशी को लेकर सतीश महाना ने कहा कि काशी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक शहर है. काशी को गलियों का शहर कहा जाता था. बनारस से पीएम मोदी के निर्वाचित होने के बाद अब यह सड़कों का शहर कहा जाने लगा है. काशी भोलेनाथ की नजरी है. भोलेनाथ के दरबार तक पहुंचने में भक्तों को परेशानी होती थी, लेकिन कॉरिडोर बनने के बाद भक्त आसानी से भोलेनाथ का दर्शन कर लेते हैं.
'शहर बनारस' के 'बनारस बोलत हौ...' कॉन्क्लेव में सतीश महाना द्वारा कही गयीं प्रमुख बातें-
काशी अब गलियों नहीं सड़कों का शहर कहा जाने लगा है
मोदी-योगी सरकार ने बाबा विश्वनाथ कॉरीडोर को साकार कर दिखाया
भारतीय जनता पार्टी राम के नाम पर राजनीति नहीं करती है
योगी सरकार ने काशी और पूर्वांचल का औद्योगिक विकास किया
2017 के पहले यूपी सरकार और उद्योगपतियों के बीच की कड़ी टूट चुकी थी
अखिलेश यादव ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण किये बिना कर दिया था टेंडर जारी
एक्सप्रेस वे नहीं व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए अखिलेश कर रहे थे काम
टेंडर जारी करने के पहले जरूरी होता है 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण
अखिलेश राज पूर्वांचल एक्सेप्रेस वे के लिए हुआ था सिर्फ 30 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण
पिछली सरकारें जनता के पैसे का दुरुपयोग करती रहीं
Source : News Nation Bureau