उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधान परिषद की 12 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसी के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. 12 में से दस सीट पर भाजपा (BJP) की जीत तय है, जबकि एक पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Partiy) जीत सकती है. अब 12वीं सीट को लेकर भाजपा के साथ सपा की जंग होगी. प्रदेश में विधान परिषद की 12 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया सोमवार को शुरू होने के साथ 18 जनवरी तक 18 जारी रहेगी. इन सीटों के लिए 28 जनवरी को मतदान होगा. निर्वाचन आयोग ने 28 जनवरी को होने वाले मतदान को लेकर अपनी तैयारी पूरी पर ली है.
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12 सीटों पर होगा चुनाव
प्रदेश में 12 सीट पर होने वाले विधान परिषद के चुनाव (UP MLC Election ) की अधिसूचना 11 जनवरी को जारी की जाएगी. इसमें 18 जनवरी तक नामांकन होगा. नामांकन पत्रों की जांच 19 को होगी. इसके बाद नाम वापसी की अंतिम तिथि 21 जनवरी है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सत्ता पर काबिज भाजपा (BJP) 12 सीट पर सर्वाधिक लाभ में रहेगी. विधायकों की संख्या बल के आधार पर भाजपा की 12 में से दस सीट जीतना तय है. भाजपा का प्रयास 11वीं सीट जीतने का भी है. प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के खाते में 12 में से एक सीट आना तय है. विधान परिषद चुनाव को लेकर प्रदेश में राजनीतिक पार्टियां कापी सक्रिय हो गई हैं.
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इन सदस्यों का पूरा हो रहा कार्यकाल
विधान परिषद के सभापति रमेश यादव, उप मुख्यमंत्री डॉ़ दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन सहित परिषद के 11 सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को समाप्त हो रहा है. बसपा के पूर्व सदस्य नसीमुद्दीन सिद्दीकी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनकी सदस्यता निरस्त करने से एक पद पहले से रिक्त है. भाजपा : उप मुख्यमंत्री ड़ दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और लक्ष्मण प्रसाद आचार्य.
सपा : सभापति रमेश यादव, नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, आशु मलिक, रामजतन राजभर, साहब सिंह सैनी और वीरेंद्र सिंह विधान परिषद में भाजपा की चार सीट खाली हो रही हैं तो वह आसानी से दस जीतने की स्थिति में है. बसपा के हाथ से तीन सीटें जा रही हैं, वह एक पर भी जीत दर्ज करने की स्थिति में नहीं है.
समाजवादी पार्टी पांच के बदले सिर्फ एक सीट निश्चित जीत सकती है. विधान परिषद की जो 12 सीटें खाली हो रही हैं, उनमें पांच समाजवादी पार्टी की, चार भारतीय जनता पार्टी और दो बहुजन समाज पार्टी की हैं. नसीमुद्दीन सिद्दीकी की भी सीट रिक्त है. नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा से उच्च सदन गये थे, लेकिन उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद दल-बदल कानून के तहत उनकी विधान परिषद सदस्यता निरस्त कर दी गई थी.
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भाजपा की ओर से कई चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं
भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, उपमुख्यमंत्री डॉ़ दिनेश शर्मा तथा लक्ष्मण आचार्य की विधान परिषद में फिर भेजना फाइनल कर चुकी है. इसके बाद सात नाम पर विचार किया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस बार भाजपा की ओर से कई चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं.
सपा के जिन छह सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है. उसमें सभापति रमेश यादव के अलावा दलनेता अहमद हसन भी हैं. ऐसे में पार्टी वरिष्ठता के आधार पर विधान परिषद में पार्टी के नेता अहमद हसन को फिर से उच्च सदन भेजेगी. समाजवादी पार्टी ने अपने बड़े वोट बैंक यानी मुस्लिम कोटा का पूरा ध्यान रखा है.
यूपी में कुल 100 विधान परिषद सदस्य हैं. इनमें से 38 सदस्यों का विधानसभा सदस्य और 36 सदस्यों का निर्वाचन स्थानीय निकायों से होता है. आठ सदस्यों का चुनाव शिक्षक और आठ सदस्य स्नातक सदस्य चुनते हैं. दस विधान परिषद सदस्य मनोनीत किए जाते हैं. इन सभी सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष के लिए होता है.
Source : News Nation Bureau