कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे विकास दुबे (Vikas dubey) के लखनऊ में इंद्रलोक कालोनी में बने हुए मकान का नक्शा लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को मिल गया है. वहीं कालोनी का ले-आउट भी बिल्डर से लिया गया है. अब LDA की प्रवर्तन टीम मौके पर जाकर निर्माण की जांच करेगी. जांच में यह देखा जाएगा कि निर्माण स्वीकृत मानचित्र के मुताबिक हुआ है कि नहीं. LDA का मानना है कि विकास दुबे के बताए जा रहे इंद्रलोक कालोनी के मकान संख्या जे 424 का मानचित्र मिल गया है. मानचित्र को LDA से स्वीकृत कराया गया था. 2002 में यह नक्शा पास किया गया, जो कि विकास दुबे के नाम से स्वीकृत नहीं है. ऐसे में संभावना यह है कि विकास दुबे ने बाद में मकान को रीसेल में खरीदा हो. अब प्रवर्तन दल इसकी नापजोख मानचित्र के हिसाब से काम करेगा. अगर मानचित्र के अनुरूप निर्माण नहीं है तो नोटिस दे कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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अभी भी पुलिस के हाथ खाली
वहीं गैंगस्टर विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. वारदात के 4 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. अभी तक विकास दुबे की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. हालांकि यूपी पुलिस विकास की गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापेमारी कर रही है. भारत-नेपाल बॉर्डर पर जांच तेज कर दी गई है. साथ ही इनाम की राशि को भी बढ़ा दी गई है. विकास दुबे की सूचना देने वालों को ढाई लाख रुपये का इनाम मिलेगा. साथ ही विकास दुबे की बहन ने भी इस घटना को दुखदायी बताया है. उन्होंने कहा कि विकास ने बहुत गलत काम किया है. उसे गिरफ्तार कर कठोर से कठोर सजा दिया जाए. उसकी माता ने भी इस घटना को बहुत गलत बताया है. लेकिन उसके पिता ने बेटे का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.
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विकास दुबे के सरकारी नम्बर BG सीरीज की गाड़ियों का खुलासा
वहीं दूसरी तरफ गैंगस्टर विकास दुबे के सरकारी नम्बर BG सीरीज की गाड़ियों का खुलासा हुआ है. गाड़ी स्वामी से गुंडई तरीके से गाड़ी झटकी थी. ACP कृष्णा नगर दीपक सिंह और उनकी टीम ने किया खुलासा. गैंगस्टर विकास दुबे के सरकारी नम्बर BG सीरीज की गाड़ियों का खुलासा हुआ है. गाड़ी स्वामी से गुंडई तरीके से गाड़ी झटकी थी. ACP कृष्णा नगर दीपक सिंह और उनकी टीम ने किया खुलासा. पीड़ित की तहरीर पर विकास दुबे के खिलाफ कृष्णा नगर कोतवाली में 386, 420, 467, 468, 471 धाराओं में मामला दर्ज है. इसके अलावा शातिर गैंगस्टर विकास दुबे लखनऊ स्थित आवास पर बरामद हुई एंबेसडर कार का भी खुलासा हुआ. एसीपी कृष्णा नगर दीपक सिंह एवं उनकी टीम द्वारा कड़ी जांच पड़ताल के बाद खुलासा हुआ. मौजूदा वाहन स्वामी तक पुलिस पहुंच गई है.
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विनीत पांडे नामक व्यक्ति ने नीलामी में खरीदी थी
पुलिस के मुताबिक़ परिवहन विभाग द्वारा 2009 में एंबेसडर कार UP 32 BG 0156 नीलामी के उपरांत विनीत पांडे नामक व्यक्ति ने नीलामी में खरीदी थी. नीलामी में विनीत पांडे मौजूदा गाड़ी स्वामी ने पूछताछ में किया खुलासा. गाड़ी मालिक विनीत पांडे ने लिखित तहरीर दी है. गाड़ी स्वामी विनीत पांडेय ने कहा कि मेरे द्वारा एंबेस्डर गाड़ी यूपी 32 BG 0156 नीलामी में लेने के बाद विकास दुबे जो कानपुर का रहने वाला है, अपने भाई दीपक दुबे तथा दो अन्य साथियों के साथ घर आया. धमकाते हुए कहा कि सरकारी गाड़ी जो तुमने नीलामी में ली है मुझको दे दो, वरना अच्छा नहीं होगा. डरते हुए मैंने अपनी गाड़ी की चाबी तथा गाड़ी विकास दुबे को सौंप दी. गाड़ी ले जाने के बाद मैंने कई बार विकास दुबे एवं दीपक दुबे के घर जाकर अपनी गाड़ी मांगना के लिए पहुंचा, तो मुझे धमकी देकर भगा दिया गया. मामला कृष्णानगर थाने में दर्ज किया.