इन दिनों डिजिटल अरेस्ट का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. महज एक महीने के अंदर राज्यभर से एक के बाद एक डिजिलट अरेस्ट के कई मामले सामने आ चुके हैं. एक बार फिर 80 लाख की ठगी का मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से आया है, जहां एनआरआई डॉक्टर को पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर के रखा गया और उससे 80 लाख रुपये भी अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिया. घटना पर बुर्जुग डॉक्टर ने बताया कि उसके पास एक कॉल आया और कहा कि हम आरबीआई से बोल रहे हैं. आपके ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं. इसके साथ ही सीबीआई और क्राइम ब्रांच का आपका केस सौंपा गया है. सीबीआई का नाम लेकर बुजुर्ग डॉक्टर को पहले तो डराया गया और फिर डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया.
डॉक्टर से 80 लाख रुपये की ठगी
आरोपियों ने एनआरआई डॉक्टर से कहा कि उनके ऊपर इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग का मामला लगा है. जिसकी जांच सीबीआई कर रही है और जल्द ही इसे लेकर आपसे पूछताछ की जाएगी. इस कॉल के आते ही डॉक्टर के साथ-साथ उनका परिवार भी डर गया. जिसके बाद डॉक्टर से कहा कि आप बैंक जाकर इस दिए गए अकाउंट में 80 लाख रुपये जमा कर दें. इससे आप बच सकते हैं. आरबीआई का कॉल देखकर 85 वर्षीय डॉक्टर रमेश टंडन बैंक जाकर बताए गए अकाउंट नंबर पर 80 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. आरोपियों ने यह भी कहा कि आपके अकाउंट में करोड़ों रुपये हैं और अगर बैंक जाकर 50 फीसदी राशि हमें नहीं दिया तो सीबीआई 80 लाख रुपये जब्त कर लेगी.
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5 दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट
घटना पर डॉक्टर के भतीजे संजय टंडन ने बताया कि 26 अगस्त को व्हाट्सएप पर कॉल आया था. कॉल कर आरोपी ने अपना नाम अजय बंसल बताया था. जिसके बाद आरोपियों ने खुद को आरबीआई का बताकर चाचा को सीबीआई का डर दिखाया. पूरे परिवार को 26 अग्सत से लेकर 3 सितंबर तक डिजिटल पांच कॉल आया था.
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट में साइबर फ्रॉड करने वाले खुद को पुलिस या बैंक का बताकर लोगों के मन में डर पैदा कर देते हैं और जब विक्टिम उनकी बातों में आ जाते हैं तो वह उनसे पैसे ठग लेते हैं. इसमें स्कैमर आपको घर में ही कैद रखते हैं.