अयोध्या में रामलला के भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. इसके पूरा होने में तीन माह की देरी हो सकती है. उम्मीद है कि मंदिर 2025 तक तैयार हो सकता है. राम मंदिर के निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि जून 2025 तक मंदिर का निर्माण पूरा होने का का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब इसमें देरी हो सकती है. देरी की वजह श्रमिकों का न मिलना है.
मिश्रा ने कहा कि मंदिर की चारदीवारी में इस्तेमाल होने वाले 8.5 लाख घन फुट लाल बंसी पहाड़पुर पत्थर अयोध्या पहले ही आ चुके हैं. लेकिन श्रमिकों की कमी से निर्माण कार्य में देरी हो रही है. वर्तमान में हमें 200 श्रमिकों की कमी हैं.
साल के आखिर तक अयोध्या पहुंच जाएंगी मूर्तियां
मिश्रा ने बताया कि मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पत्थरों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, पहले तल के कुछ पत्थर पतले और कमजोर मिले हैं. उनकी जगह अब मकराना के पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मंदिर के सभागार, परिक्रमा पथ और सीमा सहित अन्य संरचनाओं का निर्माण जारी है. मिश्रा ने बताया कि मूर्तिकारों ने बताया कि दिसंबर 2024 कर मंदिर की सभी मूर्तियां पूरी हो जाएंगी. दिसबंर के अंत तक मूर्तियां अयोध्या पहुंच जाएंगी.
यहां हो रहा है राम मंदिर की विभिन्न मूर्तियों का निर्माण
राम दरबार, सात मंदिरों सहित अन्य मूर्तियों का निर्माण कार्य जयपुर में हो रहा है. मूर्तियों को दिसंबर तक अयोध्या लाया जाएगा. मिश्रा ने बताया कि मंदिर में दर्शन के बाद श्रद्धालुओं के बाहर निकलने के रास्ते को और अधिक सुलभ बनाने के लिए बातचीच हो रही है. क्योंकि, जन्मभूमि पथ के सामने अधिक श्रद्धालुओं के आने से बाहर निकलने में परेशानी होती है.
मिश्रा ने आश्वासन दिया है कि सभी निर्माण कार्य समय पर पूरे होंगे. लेकिन श्रमिकों की कमी और सामाग्री में बदलाव होने की वजह से लक्ष्य से थोड़ी देरी हो सकती है.