देश भर में कोरोना वायरस (Corona Virus) पैर पसार रहा है. कोरोना से बचाव में काम आने वाली रेमडेसिवर इंजेक्शन (remdesivir injection) की पूरे देश में कमी हो रही है तो वहीं कुछ लोग वैक्सीन को ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं. कानपुर पुलिस ने रेमडेसिवर की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले एक गैंग को गुरुवार को पकड़ा गया था. पुलिस ने तीन लोगों को रेमडेसिवर की तस्करी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा था. सीएम योगी ने ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. योग सरकार ने तीनों आरोपियों पर NSA लगाने का आदेश दिया है.
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पुलिस ने इस तरह से तस्करों को धरा
मिलिट्री इंटेलीजेंस लखनऊ की सूचना पर एसटीएफ ने बाबूपुरवा पुलिस से मिलकर तीन तस्करों को अरेस्ट किया है. इनके पास से 265 रेमडेसिवर इंजेक्शन बरामद हुए हैं. एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस तस्करों से पूछताछ कर रही है. एसटीएफ ने कानपुर पुलिस के साथ मिलकर रेमडेसिवर इंजेक्शन की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. मिलेट्री इंटेलीजेंस को सूचना मिली थी कि कोलकत्ता से रेडिमिसिवर इंजेक्शन की बड़ी खेप कानपुर भेजी जा रही है. इंजेक्शन की यह खेप कानपुर के नौबस्ता खाड़ेपुर में रहने वाले मोहन सोनी रिसीव करने वाला है.
The #YogiAdityanath (@myogiadityanath) government has decided to invoke the provisions of stringent National Security Act (NSA) against three persons who were arrested in #Kanpur, carrying 265 #Remdesivir injection vials. pic.twitter.com/dwVIm9o9JF
— IANS Tweets (@ians_india) April 18, 2021
एसटीएफ ग्राहक बनकर पहुंची
एसटीएफ ने इस सूचना को डेवलप किया. एसटीएफ के दारोगा और सिपाही ग्राहक बनकर मोहन सोनी से संपर्क किया. इंजेक्शन की डिलीवरी कोपरगंज स्थित एक होटल में देने की बात तय हुई थी. एसटीएफ ने बाबूपुरवा पुलिस के साथ मिलकर नौबस्ता खाड़ेपुर निवासी मोहन सोनी, प्रशांत शुक्ला और हरियाणा निवासी सचिन को अरेस्ट कर लिया. इनके पास से 265 रेमडेसिवर इंजेक्शन बरामद हुए.
नेटवर्क की तलाश
एसटीएफ के डिप्टी एसपी टीबी सिंह ने बताया कि अब तक की जांच में सामने आया है कि दवा कोलकाता से मंगाई गई थी. आरोपितों के आगे का नेटवर्क खंगाला जा रहा है. यह पता लगाया जा रहा है कि दवा किन-किन शहरों में सप्लाई करने वाले थे.
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कैसे काम करती है रेमिडेसिवीर?
रेमिडेसिवीर दवा सीधे वायरस पर हमला करती है. इसे 'न्यूक्लियोटाइड एनालॉग' कहा जाता है जो एडेनोसिन की नकल करता है, जो RNA और DNA के चार बिल्डिंग ब्लॉक्स में से एक है. टेक्सास एएंडएम यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट बेंजामिन नेउमन ने कहा कि 'वायरस आमतौर पर तेजी से हमला करने की कोशिश करते हैं. रेमडेसिवीर चुपके से एडेनोसिन के बजाय वायरस के जीनोम में खुद को शामिल करता है, जो रेप्लिकेशन प्रोसेस में शॉर्ट सर्किट की तरह काम करता है.'
HIGHLIGHTS
- रेमडेसिवर की तस्करी करने वालों पर लगेगा NSA
- कानपुर में पकड़े गए थे 3 तस्कर
- सीधे वायरस पर हमला करती है रेमिडिसिवर