शहरों में अपराध नियंत्रण के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की कवायद तो पुरानी है, मगर गांवों में तकनीकी के इस्तेमाल से अपराध रोकने की परिकल्पना सच साबित हो रही है. पूरे उत्तर प्रदेश में गोरखपुर में सबसे पहले बड़े स्तर पर इस अभियान की शुरुआत होने जा रही है. एडीजी जोन के द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन त्रिनेत्र' के तहत अब गांवों में भी सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे. गांवों में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के मकसद से एडीजी जोन अखिल कुमार ने इसकी पहल की है. इसको लेकर जिले के 500 गांवों के प्रधानों के साथ एक बड़ी वर्कशॉप आयोजित की गई और राज्य वित्त आयोग के फंड से उन्हें सीसीटीवी कैमरा लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया गया.
अपराधियों के मन में बैठेगा बेनकाब होने का डर
गोरखपुर में 3 महीने पहले ही ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत शहर के चौक- चौराहों और महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया जा रहा है. इसमें मिल रही सफलता के बाद एडीजी ने गांवों में भी इसकी पहल की है. इन गांवों में कैमरे लगवाने की देखरेख जिला पंचायती राज विभाग करेगा. इस वर्कशॉप में अधिकारियों ने ग्राम प्रधानों को सीसीटीवी कैमरे से होने वाले फायदे को बताया और कहा कि गांव में होने वाली हर अनैतिक गतिविधि और छोटी घटनाओं को रोकने में यह कैमरे काफी मददगार साबित होंगे. अपराध करने वाला व्यक्ति कैमरे में कैद होकर तुरंत बेनकाब हो जाएगा, जिससे अपराधियों के मन में डर बैठ जाएगा.
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कैमरा बनाने वाली कंपनियों से करना होगा करार
ग्राम प्रधानों से कहा गया है कि जिस कंपनी का सीसीटीवी कैमरा लगवाएं, उससे यह लिखते एग्रीमेंट भी कराएं कि कम से कम तीन साल तक सीसीटीवी कैमरे का देखरेख वह कंपनी करे. गोरखपुर में 2 दर्जन से अधिक ग्राम प्रधानों ने पहले ही अपने गांव में सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे हैं और अब 500 से अधिक गांवों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की इस पहल को लेकर ग्राम प्रधान भी काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. ग्राम प्रधानों का कहना है कि कैमरे लग जाने से उनके गांव में होने वाले छोटे-मोटे विवादों का समाधान उन्हें आसानी से मिल जाएगा और लोग गांव में किसी भी तरह की घटना करने से एक बार जरूर सोचेंगे.
HIGHLIGHTS
- गोरखपुर के गांवों में लगेंगे सीसीटीवी
- अब सीसीटीवी के जरिए होगी निगरानी
- एडीजी जोन की पहला को मिल रहा समर्थन