राज्य में किसानों की समस्या, बढ़ते अपराध और खराब होती कानून व्यवस्था के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश विधानपरिषद में बीजेपी ने प्रश्नकाल को स्थगित करा दिया। जैसे ही विधानपरिषद में बैठक शुरू हुई बीजेपी के सदस्यों ने सदन के वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
बीजेपी के सदस्यों ने विधानपरिषद के सदन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दावों को खोखला बताया। विधानपरिषद के सभापति रामनरेश यादव के अपील को अनसुना कर बीजेपी के सदस्य नारे लगाते रहे जिसके बाद विधानपरिषद के सभापति को सदन की कार्यवाही पहले 20 मिनट के लिये फिर 12 बजे तक के लिये रोकनी पड़ी।
सदन की बैठक जब दोबारा शुरू हुई तो सदन में विपक्ष के नेता और बीएसपी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और दूसरे बीएसपी के सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव के लिये नोटिस दिया और नासिर खान के हत्यारों पर कार्रवाई की मांग की। 9 सिंतबर को नासिर खान की हत्या मेरठ में कर दी गई थी।
सदन के नेता और वरिष्ठ मंत्री अहमद हसन ने सदस्यों को तथ्यों के साथ इस घटना के बारे में जानकारी दी। सभापति ने स्थगन प्रस्ताव के खारिज कर दिया लेकिन सरकार को हिदायत दी कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
लेकिन बीएसपी के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई को पहले 15 मिनट के लिये फिर 3:30 बजे तक के लिये रोकनी पड़ी।
कानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत के मुद्दे पर बुधवार को भी प्रश्नकाल को स्थगित करना पड़ा था।
Source : News Nation Bureau