उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से कुछ बच्चों समेत 31 लोगों की मौत हो गई। इस बड़े हादसे के हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद समीक्षा की और मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये हैं।
गोरखुर के अस्पताल में हुए हादसे के बाद समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और कांग्रेस समेत अन्य दलों ने दुख प्रकट करते हुए योगी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े किये।
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, 'गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की दर्दनाक मौत , सरकार ज़िम्मेदार। कठोर कार्यवाही हो, 20-20 लाख का मुआवज़ा दे सरकार।'
गोरखपुर मे आक्सीजन की कमी से बच्चों की दर्दनाक मौत , सरकार ज़िम्मेदार।कठोर कार्यवाही हो, 20-20 लाख का मुआवज़ा दे सरकार ।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2017
अखिलेश ने कहा, 'मृतकों के परिजनों को लाश देकर भगा दिया गया, मृतक का पोस्टमार्टम तक नहीं हुआ है, भर्ती कार्ड भी गायब कर दिया गया है। अत्यन्त दुखद।'
मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भी योगी सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।
बीएसपी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, 'गोरखपुर के अस्पताल मे ऑक्सीजन की कमी से 30 बच्चों की मौत, योगी सरकार को बर्खास्त करके, स्वास्थ मंत्री सहित सभी स्टाफ को जेल भेजना चाहिए!' बीएसपी ने कहा कि गाय और गोबर से फुर्सत मिले तभी तो बच्चों को देखेंगे।
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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बच्चों की मौत पर दुख जताया और योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर शनिवार को गोरखपुर के अस्तपताल का दौरा करेंगे।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'बहुत दुखद, मेरी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। बीजेपी की सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। वह लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।'
कैसी हुई मासूमों की मौत?
गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (बीआरडी) में शुक्रवार तक 36 घंटों के अंदर 14 बच्चों सहित 31 मरीजों की मौत हो गई।
सरकार मौत की वजह इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम बता रही है। जबकि कई रिपोर्ट और तीन दिनों के भीतर हुई अस्पताल में गतिविधि से पता चला है कि मौतें ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से हुई है।
ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता कंपनी ने पैसे नहीं मिलने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी थी। जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने स्वीकार किया कि लिक्विड ऑक्सीजन की कमी है, क्योंकि 70 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया है।
भुगतान नहीं होने के कारण विक्रेता की ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर दी है। हालांकि, उन्होंने कहा आपातकालीन उपयोग के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
उन्होंने आगे बताया कि विक्रेता को 35 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है और उससे गुजारिश की गई है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद न करे।
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HIGHLIGHTS
- गोरखपुर में सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से 31 लोगों की मौत
- समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीएसपी का योगी सरकार पर हमला, हादसे के लिए ठहराया जिम्मेदार
- अखिलेश यादव बोले, कठोर कार्यवाही हो, 20-20 लाख का मुआवजा दे सरकार
Source : News Nation Bureau