अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसे नेता समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैं. राम मंदिर फैसले पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Sunni Central Waqf Board) को जो 5 एकड़ की जमीन दी गई है वह मस्जिद के लिए दी गई है उस पर मदरसा कॉलेज या अस्पताल नहीं बनाया जा सकता.
उन्होंने कहा कि ओवैसी और उनके जैसे लोगों को वक्फ संपत्ति के मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है सिर्फ मुसलमानों में नफरत पैदा करने के लिए इस तरीके के बयान दिए जा रहे हैं कि खैरात नहीं ली जा सकती और हिंदुओं का पैसा मस्जिद में नहीं लग सकता है.
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वसीम रिजवी ने कहा कि तमाम मुसलमान जो हिंदुस्तान में कारोबार कर रहे हैं वह सिर्फ मुसलमानों के साथ नहीं बल्कि हर धर्म के लोगों के साथ कारोबार कर रहे हैं. ऐसे बयानों का मतलब सिर्फ नफरत को बढ़ावा देना है और देश के मुसलमानों को इस देश में अलग-थलग करने की साजिश है.
मंदिर निर्माण को दिया 51 हजार का चेक
सुप्रीम कोर्ट से राममंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद अब मुस्लिम नेता भी राम मंदिर निर्माण के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं. शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने भगवान राम को इमामे हिन्द और मुसलमानों का पूर्वज बताया है. उन्होंने भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए 51 हज़ार का चेक भी दिया. उन्होंने कहा कि वह आगे भी मन्दिर के निर्माण में आर्थिक योगदान देंगे.
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सरकार ने बढ़ाई रिजवी की सुरक्षा
सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या पर फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कई लोगों की सुरक्षा में इजाफा किया है. इन लोगों में वसीम रिजवी भी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी की सुरक्षा को बढ़ाकर वाई प्लस श्रेणी कर दिया है.