उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी से हाल ही में पकड़े गए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के एजेंट ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. एजेंट राशिद अहमद ने बताया है कि आईएसआई भारतीयों को हनीट्रैप (Honey Trap) के जरिए फंसाती है और फिर खुफिया जानकारी हासिल करती है. उसने बताया कि खुफिया सूचना के लिए मोटी रकम भी दी जाती है.
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सूत्रों के मुताबिक, वाराणसी से पकड़े गए राशिद से पूछताछ के दौरान 40 से ज़्यादा ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिली है जो व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से आईएसआई के संपर्क में थे. इस ग्रुप में खुद राशिद और राशिद का मौसेरा भाई शाहबेज भी जुड़ा हुआ था. जासूसी के लिए व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल होता था. फिलहाल खुफिया दस्ते के अधिकारी और अन्य अधिकारी राशिद से पूछताछ में जुटे हैं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने संदिग्ध आईएसआई एजेंट राशिद को गिरफ्तार किया था. राशिद अहमद यूपी के चंदौली जिले का निवासी है. एटीएस अधिकारियों के अनुसार, उसने सैन्य परिसरों की तस्वीरें ली थीं और उन्हें पाकिस्तान भेज रहा था. इसके अलावा उसने सीआरपीएफ की इमारतों की भी रेकी की थी. एटीएस अधिकारियों ने बताया कि कि राशिद ने इस बात को कबूल किया है कि उसने पाकिस्तान से दो बार प्रशिक्षण लिया था.
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एटीएस के मुताबिक, राशिद के बारे में पिछले साल जुलाई में गोपनीय सूचना मिली थी कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को व्हाट्सएप के माध्यम से संवेदनशील जानकारी भेजता है. जिसके बाद से ही उस पर नजर रखी जा रही थी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से उसका विश्लेषण किया गया था. आखिर में संदिग्ध की पहचान की पुष्टि करने और उसे पकड़ने के लिए सैन्य खुफिया और एटीएस की एक संयुक्त टीम बनाई गई थी.