कोरोना वायरस से मुकाबले को लेकर एकजुटता प्रदर्शन करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार को संगम नगरी में लोगों में दिवाली सरीखा उत्साह दिखा और लोगों ने रात्रि 9 बजे अपने-अपने घरों की लाइटें बुझाकर दीपक और मोमबत्ती जलाई. शहर में लगभग हर जगह लोगों ने पटाखे भी चलाए. सिविल लाइंस के निवासी पूर्व आयुक्त राम शरण वर्मा ने बताया, "आज दीपावली जैसा एहसास हुआ.
इससे पहले 1965 में भारत-चीन युद्ध के समय ब्लैक आउट के दौरान लोग रात में घरों की लाइटें बुझाया करते थे, लेकिन दीपक नहीं जलाते थे. हम सभी ने दीये जलाने के साथ ही नौ मिनट तक महामृत्युंजय का जाप किया. " यमुना पार नैनी के रहने वाले प्रदीप गुप्ता ने बताया कि उनके क्षेत्र में हर घर दीपक से जगमगा उठा और लोगों ने कोरोना वायरस का डर भूलकर पटाखे चलाए. दिवाली के अलावा ऐसा अनुभव जीवन में पहली बार हुआ है.
तिलक नगर निवासी डाक्टर नरेंद्र नाथ ने बताया कि उनके पूरे इलाके में दिवाली की तरह रोशनी की गई. कोई ऐसा घर ऐसा नहीं था जहां दीपक न जला हो. एक सकारात्मक माहौल बना और लोगों ने पटाखे के साथ शंख भी बजाए. इससे लगता है कि भारत अब जाग रहा है. उन्होंने बताया कि लोगों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम, भाग करोना भाग के नारे लगाए. पहले ऐसा कभी नहीं हुआ और लगभग सभी ने तेल वाला दीया जलाया.. कुछ लोगों ने मोमबत्ती जलाई.
तिलक नगर में 27 मिनट तक बत्ती बुझा कर रखी.. स्ट्रीट लाइटें भी बंद रही. अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के महामंत्री और दारागंज इलाके के निवासी मधु चकहा ने बताया कि लोगों ने मोदी के आह्वान का पूर्ण समर्थन किया और दारागंज इलाके में लगभग 20 मिनट तक लोगों ने बत्ती बुझा कर रखी और दीए जलाए. पटाखे भी खूब चलाए गए और घंटा घडियाल भी बजाये गये.
Source : Bhasha