महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला लगातार उलझता जा रहा है. इस मामले में अब तक कई लोगों से पूछताछ हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी साफ कर चुके हैं कि अगर इस मामले में कोई दोषी होता तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं मामले की सीबीआई जांच के लिए अधिवक्ता सुनील चौधरी की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका डाली गई है. याचिका के माध्यम से जिले के डीएम और एसएसपी को तत्काल बर्खास्त कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को सुपुर्द करने की मांग की गई है.
प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत की जांच पुलिस कर रही है. इस मामले में कई नए खुलासे हो रहे हैं. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि को एक वीडियो को लेकर ब्लैकमेल किया जा रहा था. ब्लैकमेल करने में एक सीडी का इस्तेमाल किया जा रहा था. ब्लैकमेलिंग में एक पूर्व राज्यमंत्री का नाम भी आ रहा है. राज्य मंत्री रहे व्यक्ति भी जांच के दायरे में हैं. बताया जा रहा है कि पूर्व राज्यमंत्री बाघम्बरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि से मिलने जाते थे. वो आनंद गिरि के करीबी भी रहे हैं. प्रयागराज पुलिस को कॉल डिटेल में अहम सुराग मिले हैं. पुलिस के रडार पर पूर्व राज्य मंत्री है.
हरिद्वार से आनंद को लाया जा रहा है
बता दें कि आनंद गिरि का जिक्र सुसाइड नोट में है. आनंद गिरि को हरिद्वार से पकड़ कर लाया जा रहा है. लखनऊ पुलिस से प्रयागराज पुलिस आनंद को हैंडओवर लेगी.
सीबीआई जांच की मांग
वहीं इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग विपक्षी दलों ने की है. सरकार ने कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई जांच कराई जाएगी.
तीन लोगों को पुलिस ने किया है गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने शिष्य आनंद गिरि, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार किया है. सुसाइड नोट में तीनों का जिक्र है. तीनों पर महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है.
Source : News Nation Bureau