उत्तर प्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म मामले के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर भले ही जेल की हवा खा रहे हों, लेकिन बावजूद इसके वो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के लिए रोल मॉडल बने हुए हैं. उन्नाव उन्नाव के ऊगू नगर पंचायत चेयरमैन ने स्वतंत्रता दिवस पर छपवाए विज्ञापन में कुलदीप सिंह सेंगर को भी जगह दी है. विज्ञापन में सेंगर का फोटो बीजेपी के बड़े लीडर्स के साथ छपवाया गया है. यह विज्ञापन एक प्रतिष्ठित अखबार में 15 अगस्त को कल छपवाया गया. सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर भी लगाए गए, जिनमें आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर की फोटो है.
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इस विवादित विज्ञापन को छपवाने वाले नगर पंचायत के अध्यक्ष अनुज कुमार दीक्षित का कहना है कि कुलदीप सिंह सेंगर हमारे क्षेत्र के विधायक हैं, इसीलिए उनकी फोटो है. उन्होंने कहा कि जब तक वह हमारे विधायक हैं, उनकी फोटो लगा सकते हैं. बता दें कि विज्ञापन में रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का फोटो लगा है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ,प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और हृदयनारायण दीक्षित के अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के भी फोटो लगाए गए हैं. अब सोशल मीडिया पर यह विवादित विज्ञापन तेजी से वायरल हो रहा है.
Photo of Unnao rape accused MLA Kuldeep Singh Sengar seen in Independence Day greetings published by Unnao Nagar Panchayat Chairman Anuj Kumar Dixit in a newspaper, says, "He is MLA of our area that is why his photo is there. Till the time he is our MLA his photo can be put." pic.twitter.com/OTEJFNu0Ut
— ANI UP (@ANINewsUP) August 16, 2019
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गौरतलब है कि कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं, हालांकि बीजेपी ने उन्हें अपनी पार्टी से निष्कासित कर दिया है. फिलहाल कुलदीप सेंगर तिहाड़ जेल में बंद है. पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत आरोप तय किए थे. जिला और सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेंगर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (1) (दुष्कर्म के लिए सजा), 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (दुष्कर्म के लिए सजा), 366 (अपहरण या उत्पीड़न, जिसमें महिला को उसकी शादी के लिए मजबूर करना भी शामिल है), 109 (घृणा के लिए दंड) और पोस्को अधिनियम की 3 और 4 (यौन हमला) का आरोप तय किया था.
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बता दें कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने दो साल पहले उन्नाव में 4 जून को एक नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया था. आरोप है कि जब नाबालिग लड़की विधायक के पास नौकरी की तलाश में गई थी, तो सेंगर ने इस वारदात को अंजाम दिया. इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश से मामले को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.
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