कानपुर एनकाउंटर में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत का आरोपी विकास दुबे के सहयोगियों के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रह है. पुलिस ने 15 वांछितों के नाम और फोटो बना पोस्टर जारी किए. सभी साथियों के नाम और फोटो जारी किए. वारदात के 4 दिन बाद भी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे पुलिस की गिरफ्त से दूर है. पुलिस अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी है. वहीं विकास दुबे की आखिरी लोकेशन बिजनौर में मिली है. पुलिस की 30 टीमें गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है. वहीं विकास दुबे के साथी जय वाजपेयी के घर पुलिस पहुंची है. उसके घर पर पुलिस सर्च ऑपरेशन कर रही है. वहीं लखनऊ एडीजी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चौबेपुर में हुई घटना हृदय विदारक थी. DGP घटना स्थल पर गए थे, CM भी गए थे श्रद्धांजलि देने कानपुर. घटना के बाद से कॉम्बिंग जारी है, 2 बदमाशों के पास से पुलिस से लुटे गए हथियार बरामद हुए थे, उनको मुठभेड़ में मार गिराया गया. गिरफ्तारी का क्रम जारी है. एक व्यक्ति सहायक घायल पकड़ा गया. 3 अन्य साथियों को भी पकड़ा गया. विकास को जल्द पकड़ा जाएगा. जो ऑडियो है उसकी जांच कराई जाएगी.
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राजू श्रीवास्तव बोले- अपराधियों को छोड़ा ना जाए
जय वाजपेयी, विकास दुबे के बेहद क्लोज फ्रेंड है. पुलिस विकास के बारे में उससे पूछताछ कर रही है. जय वाजपेयी के निजी कार्यक्रमों में विकास दुबे शामिल होता था. माना जा रहा है कि जय वाजपेयी ही विकास को लग्जरी गाड़ियां उपलब्ध कराता था. जय वाजपेयी की 3 लग्जरी गाड़िया (ऑडी, फार्च्यूनर, वर्ना) पुलिस ने काकादेव से दो दिन पहले लावारिस हाल में बरामद की थी. फिलहाल जय से STF पूछताछ कर रही है. वहीं इस घटना पर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने कहा कि घटना बेहद दुखद है. अपराधियों को छोड़ा ना जाए. बता दें कि राजू श्रीवास्तव भी एक कार्यक्रम में विकास दुबे के साथ साथ नज़र आये थे.
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कौन है जय वाजपेयी
सिर्फ़ कुछ साल में एक आम आदमी से करोड़पति बने जय को पूछताछ के लिए एसटीएफ ले गई है. तीन दिन से ज़िला पुलिस विकास को लेकर पूछताछ कर रही थी. उसके घर से लग्जरी गाड़ियां पकड़ी गई हैं. जय का पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज की भी जांच एसटीएफ कर रही है.
1. 2012-13 में प्रिंटिंग प्रेस में 4 हज़ार की नौकरी करता था और एक पान की दुकान में पार्टनरशिप थी.
2. 2013-14 में विकास दुबे से नजदीकी बढ़ी
3. 2014-15 में जय वाजपेयी जमीनों की खरीद फरोख्त करने लगा. विकास के टेरर के बल पर विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त में मोटा पैसा कमाया
4. 2015-16 में नेहरू नगर-ब्रहमनगर, पी रोड आदि मार्केट में ब्याज पर रुपये बांटने और ब्याज का काम शुरू किया.
5. 2016-17 में कई मकान और फ्लैट का मालिक बन गया
6. 2017-18 में अब तक करोड़ों की चल-अचल संपत्ति बना चुका है. इसी बीच लखनऊ-कानपुर रोड पर एक बेनामी पेट्रोल पम्प बनाया. (इसकी पुष्टि अभी बाकी है)
7. 2019-20 (जून तक) जय वाजपेयी कानपुर के उभरते हुए समाजसेवी और तथाकथित ब्राह्मण नेता के रूप में उभरने लगा.