PM Modi will Inaugurate Tamil Sangamam in Kashi: वाराणसी इस बार ऐसे आयोजन का गवाह बन रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ. पहले विद्वान सीमित संख्या में बड़ी मुश्किलों से काशी पहुंच पाते थे. लेकिन इस बार मोदी सरकार के प्रयासों से वाराणसी में तमिल संगमम का आयोजन किया जा रहा है. जी हां, सांस्कृतिक विविधता में एकता की पहचान काशी एक बार फिर अपनी पहचान के साथ नजर आ रही है. यहां दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय संस्कृति की झलक काशी तमिल संगमम में देखने को मिलेगी. लगभग तीन हफ्तों से ज्यादा चलने वाले इस संगमम को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय आयोजित कर रहा है, जिसमें तमिलनाडु से 30 हजार लोग शामिल होगें.
खुद प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन
इस महा संगमम का उद्घाटन खुद काशी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले है. काशी - तमिल संगमम के संयोजक प्रोफेसर रामनारायण दिवेदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सभी भाषा को महत्व दिया गया है. इसी महत्व को समझते हुए सांस्कृतिक राजधानी काशी में तीन हफ्ते से अधिक काशी—तमिल संगमम का आयोजन हो रहा है.
तमिलनाडु से 12 समूहों में आएंगे 30 लोग
प्रोफेसर रामनारायण दिवेदी के मुताबिक, इस संगमम में तमिलनाडु के तीन केंद्र से 12 समूहों में कुल 30 हजार लोगों को काशी आने का निमंत्रण दिया गया है. जिसका मकसद सांस्कृतिक आदान प्रदान है. इस संगमम में विचार- गोष्ठी, चर्चा, व्याख्यान, कार्यशाला आदि आयोजित किए जाएंगे, जिसके लिए संबंधित विषयों के विशेषज्ञों को बुलाया गया है. इसके तहत दर्शन, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प ,अधिवक्ता, शिक्षक, डॉक्टर सभी तरह के लोगों को बुलाया गया है.
ऐसा रहेगा प्रधानमंत्री का कार्यक्रम
वाराणसी के जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कि प्रधानमंत्री के आगमन के मद्देनजर वाराणसी में एसपीजी की टीम पहुंच चुकी है. जिला प्रशासन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. अभी तक जो पीएम मोदी का कार्यक्रम आया है, उसके अनुसार प्रधानमंत्री 19 नवंबर को दोपहर एक बजे बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आएंगे. इसके बाद वो हेलीकाप्टर से बीएचयू हेलीपैड जाएंगे. फिर ऍफी थियेटर में आयोजित तमिल संगमम के शुभारंभ समारोह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम अवलोकन के बाद संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री काशी में लगभग साढ़े तीन घंटे के प्रवास के बाद शाम 4.30 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे.
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सभी तरह की संस्कृतियों का काशी में वास
काशी को यूं ही नहीं सांस्कृतिक राजधानी कहते हैं. चारों दिशाओं की संस्कृतियों का प्रभाव और प्रकाश यहां आदि काल से रहा है. खास तौर पर दक्षिण भारतीय संस्कृति का प्रभाव काशी के धार्मिक परंपराओं और स्थापत्य कला में आज भी देखने को मिलता है. ऐसे में इस बार आयोजिन हो रहे काशी-तमिल संगमम में जब पीएम मोदी पधारेंगे, तो इस सहयोग को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी.
HIGHLIGHTS
- काशी में तमिल संस्कृति का प्रसार
- तमिलनाडु से काशी पहुंचेंगे 30 हजार लोग
- पीएम मोदी करेंगे कार्यक्रम का उद्घाटन
Source : Sushant Mukherjee