प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. इस दौरान पीएम मोदी ने सबसे पहले 2,447 करोड़ रुपए की लागत से बने वाराणसी-प्रयागराज राजमार्ग (NH-19) की 6-लेन चौड़ीकरण परियोजना का लोकार्पण किया. फिर सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वाराणसी में अब तक हुए विकास का जिक्र किया. इसके साथ ही नए कानून से किसानों को क्या-क्या फायदा हुआ है उसे लेकर जवाब दिया.
दरअसल, कृषि कानूनों को लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. पीएम मोदी ने वाराणसी से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि नये कानून में एमएसपी (MSP) को खत्म नहीं किया गया है. पुराना सिस्टम अभी भी वैसे ही है.
अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेना देना ठीक समझता है तो नहीं है इसपर रोक
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं. क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए? अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेनदेन ही ठीक समझता है तो, उस पर भी कहां रोक लगाई गई है.
कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए
देश के प्रधानमंत्री ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझाते हुए कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं. पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे. अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है. किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला.
हम यूरिया की कालाबाज़ारी रोकेंगे और वो किया
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब इस सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड देखेंगे तो सच अपने आप सामने आ जाएगा. हमने कहा था कि हम यूरिया की कालाबाज़ारी रोकेंगे और किसान को पर्याप्त यूरिया देंगे. बीते 6 साल में यूरिया की कमी नहीं होने दी. यहां तक कि लॉकडाउन तक में जब हर गतिविधि बंद थी, तब भी दिक्कत नहीं आने दी गई.
अनुकूल लागत का डेढ़ गुणा MSP हमने दिया
इसके साथ ही पीएम मोदी ने किसानों को बताया कि हमने वादा किया था कि स्नामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुणा MSP देंगे. ये वादा सिर्फ कागज़ों पर ही पूरा नहीं किया गया, बल्कि किसानों के बैंक खाते तक पहुंचाया है.
हमने लगभग 49 हज़ार करोड़ रुपए की दालें खरीदी है
उन्होंने कहा कि सिर्फ दाल की ही बात करें तो 2014 से पहले के 5 सालों में लगभग साढ़े 6 सौ करोड़ रुपए की ही दाल किसान से खरीदी गईं. लेकिन इसके बाद के 5 सालों में हमने लगभग 49 हज़ार करोड़ रुपए की दालें खरीदी हैं यानि लगभग 75 गुणा बढ़ोतरी.
5 सालों में 5 लाख करोड़ रुपए धान के MSP के रूप में किसानों तक पहुंचाए
धान की खरीद को लेकर उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के 5 सालों में पहले की सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए का धान खरीदा था. लेकिन इसके बाद के 5 सालों में 5 लाख करोड़ रुपए धान के MSP के रूप में किसानों तक हमने पहुंचाए हैं. यानि लगभग ढाई गुणा ज्यादा पैसा किसान के पास पहुंचा है.
5 सालों में 3 लाख करोड़ रुपए गेहूं किसानों को मिल चुका है
उन्होंने आगे बताया कि 2014 से पहले के 5 सालों में गेहूं की खरीद पर डेढ़ लाख करोड़ रुपए के आसपास ही किसानों को मिला. वहीं हमारे 5 सालों में 3 लाख करोड़ रुपए गेहूं किसानों को मिल चुका है यानि लगभग 2 गुणा.
अगर मंडियों और MSP को ही हटाना था, तो इनको इतना ताकत क्यों देते
किसानों से सवाल पूछते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब आप ही बताइए कि अगर मंडियों और MSP को ही हटाना था, तो इनको ताकत देने, इन पर इतना निवेश ही क्यों करते? हमारी सरकार तो मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है.
सरकार किसानों की चिंताओं का लगातार दे रही जवाब
उन्होंने आगे कहा कि जिन किसान परिवारों की अभी भी कुछ चिंताएं हैं, कुछ सवाल हैं, तो उनका जवाब भी सरकार निरंतर दे रही है. मुझे विश्वास है, आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन कृषि सुधारों का लाभ उठाकर, अपनी आय बढ़ाएंगे.
Source : News Nation Bureau