प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को वाराणसी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम का ये आयोजन उस पवित्र धरती पर हो रहा है, जहां आजादी से पहले देश की इतनी महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी. ये समागम आज ऐसे समय हो रहा है, जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. अमृत काल में देश के अमृत संकल्पों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था और युवा पीढ़ी पर है.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी को भी मोक्ष की नगरी इसलिए कहते हैं, क्योंकि हमारे यहां मुक्ति का एकमात्र मार्ग ज्ञान को ही माना गया है. इसलिए शिक्षा और शोध का, विद्या और बोध का मंथन, जब सर्व विद्या के प्रमुख केंद्र काशी में होगा, तो इससे निकलने वाला अमृत अवश्य देश को नई दिशा देगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य आधार शिक्षा को संकुचित सोच के दायरे से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के विचारों से जोड़ना है.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में मेधा की कभी कमी नहीं रही, लेकिन दुर्भाग्य से हमें ऐसी व्यवस्था बनाकर दी गई थी, जिसमें पढ़ाई का मतलब नौकरी ही माना गया. आजादी के बाद शिक्षा नीति में थोड़ा बहुत बदलाव हुआ, लेकिन बहुत बड़ा बदलाव रह गया था. अंग्रेजों की बनाई व्यवस्था कभी भी भारत के मूल स्वभाव का हिस्सा नहीं थी और न हो सकती. नए भारत के निर्माण के लिए नई व्यवस्थाओं का निर्माण, आधुनिक व्यवस्थाओं का समावेश उतना ही जरूरी है. जो पहले कभी भी नहीं हुआ, जिनकी देश पहले कभी कल्पना भी नहीं करता था, वो आज के भारत में हकीकत बन रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं. स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहां पहले केवल सरकार ही सब करती थी वहां अब प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है. नई नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और चॉइस के हिसाब से उन्हें skilled बनाने पर है. हमारे युवा skilled हों, confident हों, practical और calculative हो, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है.
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पीएम ने कहा कि आप सबको वर्तमान को संभालना है, आपके पहले जो करके गए हैं उसको आगे बढ़ाना है, लेकिन आज जो काम कर रहे हैं, उनको भविष्य के लिए ही सोचना होगा, व्यवस्थाएं भी भविष्य के लिए ही विकसित करनी होंगी. 29 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 2 साल पूरे होने वाले हैं. बड़े मंथन के बाद ये शिक्षा नीति बनाई गई है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इतनी विविधताओं से भरे देश में स्वागत हो, ये अपने आप में बहुत बड़ी सिद्धि है.
मोदी ने आगे कहा कि हमने हर पल इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जिंदा रखा है. मैं स्वयं इतने कम समय में कम से कम 25 सेमिनार में गया हूं और इसी विषय पर बोलता रहा हूं. कस्तूरीरंजन जी भी इस रिपोर्ट को देने के बाद लगातार लोगों से इस विषय पर संवाद कर रहे हैं. इन 2 वर्षों में देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में कई ठोस कदम उठा चुका है. इस दौरान quality और future readiness जैसे जरूर विषयों पर हुई वर्कशॉप ने भी बहुत मदद की है.
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उन्होंने आगे कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए देश के एजुकेशन सेक्टर में एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर overhaul पर भी काम हुआ है. आज देश में बड़ी संख्या में नए कॉलेज खुल रहे हैं, नए विश्वविद्यालय खुल रहे हैं, नए IIT और IIM की स्थापना हो रही है.