प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. नरेंद्र मोदी आज प्रदेश के प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाखों लाभार्थियों के लिए सहायता राशि जारी करेंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी द्वारा प्रदेश के 6.1 लाख लाभार्थियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के अंतर्गत लगभग 2691 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की जाएगी. इस मौके पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित रहेंगे.
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इस सहायता में 5.30 लाख ऐसे लाभार्थी होंगे, जिन्हें आर्थिक सहायता की पहली किस्त प्राप्त होगी, जबकि 80 हजार लाभार्थी ऐसे होंगे, जिन्हें दूसरी किस्त मिलेगी और जिन्हें पीएमएवाई-जी के अंतर्गत पहली किस्त पहले ही दी जा चुकी है. कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'उत्तर प्रदेश के ग्रामीण भाई-बहनों के लिए आज का दिन अहम है. दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाखों लाभार्थियों के लिए सहायता राशि जारी करूंगा. सभी को घर दिए जाने के लक्ष्य की दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा.'
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण
प्रधानमंत्री ने '2022 तक सभी को घर' दिए जाने का आह्वान किया था, जिसके लिए 20 नवंबर, 2016 को पीएमएवाई-जी योजना का शुभारंभ किया गया था. इस योजना के अंतर्गत अब तक 1.26 करोड़ घर पहले ही बनाए जा चुके हैं. पीएमएवाई-जी के अंतर्गत मैदानी इलाकों में प्रत्येक लाभार्थी को घर बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये जबकि पहाड़ी क्षेत्रों (पूर्वोत्तर राज्यों/ दुर्गम स्थानों/ जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित क्षेत्रों/आईएपी/ एलडबल्यूई जिलों) के लोगों को 1.30 लाख की आर्थिक सहायता दी जाती है.
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पीएमएवाई-जी के लाभार्थियों को घर के अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत अकुशल कामगार श्रेणी के तहत भी मदद दी जाती है. साथ ही शौचालय निर्माण के लिए स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी), एमजीएनआरईजीएस या अन्य माध्यमों से 12,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना को केंद्र सरकार और राज्यों तथा केंद्र शासित सरकारों की अन्य योजनाओं के साथ भी जोड़ा गया है. इसके तहत लाभार्थी को एलपीजी कनेक्शन का लाभ देने के लिए उज्जवला योजना, बिजली कनेक्शन और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन इत्यादि को इसमें शामिल किया गया है.