गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के बाहर हाल ही में बड़ा हंगामा हुआ, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. घटना के दौरान बड़ी संख्या में लोग मंदिर के बाहर एकत्रित हुए, जिसके कारण तनावपूर्ण माहौल बन गया. हालात बिगड़ते देख, स्थानीय पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए कार्रवाई की और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.
डासना देवी मंदिर में तनाव
इस घटना के कारणों का अभी तक पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस मामले की जांच कर रही है. डासना देवी मंदिर पहले भी विवादों में रहा है, और इस घटना ने एक बार फिर वहां की सुरक्षा और शांति व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं भीड़, पुलिस लाठीचार्ज और नजरबंद यति नरसिंहानंद का विवादित बयान.
यति नरसिंहानंद का बयान
गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के बाहर हाल ही में उपजे तनाव ने एक बार फिर धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों को गरमा दिया है. डासना मंदिर, जहां पहले भी विवाद होते रहे हैं, इस बार एक बड़ी भीड़, पुलिस लाठीचार्ज, और यति नरसिंहानंद की नजरबंदी के दावों की वजह से चर्चा में है.
1000 लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई
दोपहर के समय डासना देवी मंदिर के पास लगभग 1000 लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई. इस भीड़ ने मंदिर की तरफ जाने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने सुरक्षा के लिए पहले ही मंदिर के आसपास बैरिकेडिंग कर रखी थी. जब भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की, तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए भीड़ को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और लगभग 20 मिनट के भीतर स्थिति को नियंत्रण में ले लिया. इस दौरान करीब 50 लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया.
महापंचायत और भाजपा विधायक का विरोध
इस घटना के बीच, भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर भी मंदिर के बाहर प्रस्तावित महापंचायत के लिए पहुंचे थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया, जिससे नाराज होकर वह सैकड़ों समर्थकों के साथ सड़क पर धरना देने बैठ गए. विधायक और उनके समर्थकों ने इस बात का विरोध किया कि उन्हें महापंचायत करने से रोका जा रहा है, जबकि वे अपनी बात रखना चाहते थे.
यति नरसिंहानंद की नजरबंदी का दावा
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि का भी एक बड़ा दावा सामने आया. उन्होंने 'दैनिक भास्कर' को व्हाट्सएप पर बताया कि उन्हें पुलिस ने नजरबंद कर दिया है. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें पुलिस लाइन में रखा गया है, तो उन्होंने जवाब दिया कि वे बाहर हैं और ज्यादा बात नहीं कर सकते. यति नरसिंहानंद का यह दावा है कि उन्हें पुलिस ने नजरबंद किया है, जो स्थिति को और भी गंभीर बना देता है.
यति नरसिंहानंद का विवादित बयान
यति नरसिंहानंद गिरि ने अपने बयान में एक बेहद विवादास्पद मांग की है. उन्होंने कहा कि जो भी उन्होंने मोहम्मद और इस्लाम के विषय में बातें कही हैं, उनकी सत्यता की जांच के लिए एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया जाए. उन्होंने मांग की कि कुरआन, हदीस और अन्य इस्लामिक धार्मिक साहित्य का अध्ययन करके आयोग यह तय करे कि यति द्वारा कही गई बातें सही हैं या नहीं.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर आयोग उनकी बातों को असत्य पाता है, तो वह खुद को मृत्युदंड के लिए तैयार रखते हैं. लेकिन यदि आयोग यह साबित करता है कि उनकी बातें सही हैं, तो उन नेताओं और बुद्धिजीवियों पर मानवता की हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए, जिन्होंने उनका विरोध किया है.