उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर है. पर राज्य की पुलिस के कंधे कितने मजबूत है ये देखने को मिला बलिया में, जहां पुलिस प्रेड ग्राउंड में दंगा नियंत्रण प्रशिक्षण के दौरान एसपी और डीएम के सामने ही मिस फायर ने पुलिस की तैयारियों की पोल खोल दी. कई पुलिस आफिसर की रिवॉल्वर टायं- टायं फिस साबित हुई तो भीड़ को तितर-वितर करने वाले आंसू गैस के गोले भी पुलिसवालों को ही रुलाते रहे.
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दरअसल, त्योहारों की सुरक्षा को लेकर पुलिस विभाग के आलाधिकारियों के साथ-साथ जनपद के सभी एसओ और हेड कांस्टेबल पुलिस प्रेड ग्राउंड में पंहुचे. उस दौरान कई पुलिस अफसरों ने जब अपनी रिवॉल्वर से फायर करने की कोशिश किए तो गोलियां रिवॉल्वर से निकलने का नाम ही नहीं ले रही थी. हद तो तब हो गई जब दंगे के दौरान भीड़ को तितर-वितर करने के लिए छोड़े जाने वाले आंसू गैस भी फिस हो गए.
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फजीहत भी ऐसी की जब राम मंदिर मुद्दे पर फैसला आने वाला है और टेरर इनपुट्स को लेकर उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जा रहा है. ऐसे में बलिया पुलिस की तैयारियों की असफलता ये दिखाती है कि यूपी पुलिस कितनी मुस्तैद है. प्रशिक्षण के दौरान मिस फायर से हो रही किरकिरी पर बलिया के पुलिस अधीक्षक सफाई देते हुए कहा कि प्रशिक्षण के दौरान डमी गोलियों का प्रयोग किया जाता है, ऐसे में ये मिस फायर नहीं है. ऐसे प्रशिक्षणों के जरिए ही जवानों को समय समय पर प्रशिक्षित किया जाता है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो