यूपी पुलिस ने विकास दुबे के खेल को खत्म कर दिया. अब उसके गुर्गे को चुन चुनकर मारने या सलाखों के पीछे पहुंचाने की बारी है. हालांकि पुलिस ने अभी तक उसके कई गुर्गों को मार गिराया है. कई को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. वहीं अब बारी विकास दुबे के भाई की है. लखनऊ पुलिस ने विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे के बारे में जानकारी देने पर 20 हजार रुपये का इनाम रखा है. प्रकाश कानपुर एनकाउंटर के बाद से फरार चल रहा है. प्रकाश दुबे पर इनाम की जानकारी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दी है.
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उसके कई साथी जांच के दायरे में आ गए
विकास दुबे का फायनेंसर जय वाजपेयी की गिरफ्तारी के बाद उसके कई साथी जांच के दायरे में आ गए हैं. इसमें दो भाजपा नेता, एक कारोबारी और एक कलाकार भी शामिल है. पुलिस और एसटीएफ सीडीआर खंगालने के साथ ही अन्य तरीकों से कनेक्शन तलाश रही है. जय ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि अलग-अलग पार्टियों के नेता और कैबिनेट मंत्री गैंगस्टर विकास दुबे के मददगार बने थे. इसके साथ ही नेताओं के साथ विकास के कनेक्शन का भी तार जुड़ने लगा है. जय की लावारिस मिली तीनों कारें उसके परिचितों के नाम पर थीं. इसमें दो कारें भाजपा नेताओं व एक कारोबारी के नाम है.
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जय ने किया ये खुलासा
पुलिस ने सभी से पूछताछ की थी. गिरफ्तारी के बाद जय ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान कई बड़े खुलासे किए. जय ने कहा कि उसे फंसाया जा रहा है. विकास के असली साथी शहर के अलग-अलग पार्टियों के नेता, विधायक यहां तक कि कैबिनेट मंत्री रहे हैं. उन सभी ने विकास की मदद की है. जय का कहना है कि पुलिस ने उसको क्लीन चिट दे दी थी लेकिन किसी न किसी मंत्री-नेता के दबाव में उसे जेल भेजा जा रहा है. जय की पत्नी श्वेता बाजपेई का कहना है कि जय को पुलिस फर्जी फंसा रही है. जो भी जानकारी जय के पास थी वो पुलिस को बता दी है.